Case Study-Supreme Court states Re-examination of Victim violates the Object of POCSO |#shorts

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला जिसमें एक पॉक्सो विक्टिम की रिएग्जामिनेशन को अलाव नहीं किया जी हां दोस्तों मैं एडवोकेट विजय सिंह जा ड्रीम जुडिशल इंदौर में आप सभी का स्वागत करता हूं हाल ही में एक एक्यूज पर्सन एक प्ली करता है माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष और मांग करता है सीआरपीसी सेक्शन 311 के तहत कि एक पॉक्सो विक्टिम की रिएग्जामिनेशन किया जाए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उसकी प्ली को डिस्मिस कर दिया और यह बताया कि जो पॉक्सो एक्ट का जो ऑब्जेक्ट होता है वो एक विक्टिम को सेफ्टी प्रोवाइड करने का होता है यदि ये बार-बार उनको रिकॉल किया जाए तो उसको मानसिक प्रताना झेल सकती है और वही सब जो घटना है उसके सामने रिपीट हो सकती है और एक सेक्शन का यूज करते हुए उन्होंने यह बताया पोक्सो एक्ट का सेक्शन है वो सेक्शन 33 का सबसेक्शन फाइव है जो ये बात करता है कि स्पेशल कोर्ट को ये पावर है कि वह विक्टिम को बार-बार एग्जामिनेशन के लिए बुला सकता है लेकिन स्पेशल सरकमस्टेंसस में बुला सकता है यदि एक बार बुला लिया गया है और दो बार उसको क्रॉस का अवसर दे दिया गया है तो उसे दोबारा नहीं बुलाया जा सकता

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