कंधार हाईजैक पाकिस्तान की स्ट्रेटजी थी या फिर इंडियन ऑफिशल्स इवॉल्व थे या फिर नेपाल का ही कुछ हाथ था जिसमें दाऊद के नेटवर्क का यूज़ किया गया था कैसे बेसिकली इस पे इतना खराब रिस्पांस आया इंडियन गवर्नमेंट का और कैसे हाईजैकिंग हुई थी पांच आतंकी इतने सारे हथियार ले गए कैसे नेपाल से चढ़ गए क्या किसी ने ऑब्जर्व नहीं किया कोई सिक्योरिटी चेक्स नहीं हुए और कैसे पाकिस्तान ने इसमें अपना हाथ डाला था चीजों को करने के लिए और कैसे एक टाइम के बाद तालिबान की इसमें इवॉल्वमेंट हो गई थी तो सारी चीजें बात करते हैं एक आसान स्टोरी में वेब सीरीज बहुत लंबी है चलो देखते हैं इसको शॉर्ट में डिस्कस करते हैं तो देखो कांधल हाईजैकिंग जो हुई थी ये जनरली उस टाइम था जो आपका 1999 का टाइम था इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 कॉमनली आईसी 814 जो बेसिकली इसका रूट था आपका काठमांडू से लेके दिल्ली तक का फ्राइडे 24 दिसंबर 199999 को हाईजैक होती है और अलग-अलग लोकेशन पर जाती है और बिफोर लैंडिंग टू द कंधार अफगान कंधार में उस टाइम तालिबान का राज ता और जो फाइटर थी फ्लाइट थी बेसिकली पायलेटेड की जा रही थी 37 साल के कैप्टन देवी शरण और फर्स्ट ऑफिसर राजेंद्र कुमार के द्वारा फ्लाइट इंजीनियर अनिल कुमार जाकिया और फाइव मास्क मैन व हाईजैक कर लेते हैं एयर बस की इस फ्लाइट को इंडिया के एटर एयर स्पेस में एंटर करने से पहले 530 पर हाईजैकर ऑर्डर करते हैं एयरक्राफ्ट को कि आप इसको सीरीज ऑफ लोकेशन पर लेकर जाओ अमृतसर से लाहौर में और अक्रॉस द पर्शियन गल्फ टू दुबई लेकिन हाईजैकर फोर्स करते हैं एयरक्राफ्ट को लैंड करने के लिए कंधार में जो टाइम था बेसिकली आपका कंट्रोल किया जाता था उस टाइम पर तालिबान के द्वारा हाईजैकर को रिलीज कर कर किया जाता है 27 ऑफ 176 पैसेंजर्स दुबई में लेकिन बेसिकली एक जो पैसेंजर था काफी वांडेड था कातिल उस टाइम पर जो अफगानिस्तान था वह कंधार एयरपोर्ट अफगानिस्तान के अंडर जा था और जो हाईजैक प्लेन था वो लैड किया गया तालिबान कंट्रोल में तालिबान के फाइटर्स ने प्लेन को घेर लिया चारों तरफ से और इंडियन मिलिट्री इंटरवेंशन नहीं दिया गया बेसिकली सोची समझी शादी थी उनकी लेकिन इस चीज को बोला जा रहा था कि हम तो इस चीज को प्रोटेक्ट कर रहे हैं कि कल को आतंकी प्लेन के अंदर कुछ ना करते तो हम क्या करेंगे अंदर घुस के मारेंगे उन्हें तो यह चीज थी बेसिकली लेकिन इस चीज को अजीत डवाल बड़ी आसानी से समझ गए थे कि ये यह चीज है अब वेब सीरीज में क्या दिखाया गया है पूरी की पूरी आपकी क्या है स्टोरी दिखाई गई कैसे हाईजैक हुआ था और कैसे चीजें की थी और कैसे कैप्टन की सूझबूझ से वो काफी टाइम तक इवोल्व रखा उन्होंने जो आपके टेररिस्ट थे उनको लेकिन जो इंटर सर्विस इंटेलिजेंस ऑफिसर्स थे वो बेसिकली वहां पे जॉइन कर लेते हैं जनरली कंधार में और जो लेफ्टिनेंट कर्नल है और दूसरे मेजर हैं डवाल उनको बोलते हैं कि हाईजैकर्स ने बेसिकली आईएसआई का सपोर्ट है या नहीं और इंडिया बेसिकली रिजॉल्व करता है क्राइसिस को मोटिव क्या था मोटिव एक ही था कि उस टाइम पाकिस्तान से जंग हुई थी रिसेंटली और पाकिस्तान जंग हार गया था तो पाकिस्तान अब क्या कर रहा था बैक फुट पर खेल रहा था कि कैसे बेसिकली अहमद ओमार सैयद शेख मसूद अजर और जो जो मुस्ताक अहमद जरगर है इनको छुटाया जा सके और जो होस्टेज क्राइसिस था यह सात दिन तक रहा जो बेसिकली आपका इंडिया एग्री हुआ कि हम रिलीज कर देंगे 33 में से तीन टेररिस्ट को डिमांड 33 की रखी गई थी लेकिन तीन का तीन पे ही हुआ था तीनों में बेसली इंपैक्ट किया दूसरे टेर एक्शंस में और तीनों ने बाद में जाके काफी कुछ प्लान किया यहां पे जिसमें आपके 2001 के दंगे हो पार्लियामेंट वाले जिसमें अटैक किया गया था पार्लियामेंट के ऊपर 2002 के किडनैपिंग्स हो मर्डर हो डेनियल पल का 2008 के मुंबई टेरर अटैक्स हो 2016 के पठान कोर अटैक्स हो 2019 के पलवाना अटैक ये तीनों आतंकी इसमें शामिल थे जो हाईजैकिंग थी वो बेसिकली वन ऑफ द मिलिटेंट अटैक थी जो बेसिकली आपकी दिसंबर 1999 में हुई थी और ये जनरली अलकायदा ने की थी अलकायदा लिंक टेररिस्ट इनका सीधा साधा यही मोटिव था कि इनको बैक फुट पर कैसे हराया जाए और कैसे चीजें की जाए और इसी चीज को करने के लिए बेसिकली अलग-अलग इन्होंने पैथ आजमाए कि कैसे हम साथ में 20 करोड़ यूएस डॉलर की मांग की गई और एक सेफ पैसे मांगा गया ताकि वो कंधार से पाकिस्तान जा सके और जैसा हुआ भी तालिबान ने उन्हें प्रोटेक्ट किया उसके थ्रू हो गए यह सबसे बड़ी गलती मानी जाती है आज तक इंडियन गवर्नमेंट की कैसे उस टाइम उस चीज को स्ट्रिक्टली हैंडल नहीं किया गया अगर उस टाइम स्ट्रिक्टली हैंडल किया जाता और य आतंकी मारे जाते तो आज इतने अटैक्स नहीं होते जो हुए हैं उस टाइम 160 लोगों को बचाने के लिए काफी सारे लोगों को आज बली देनी पड़ी और इतने सारे अटैक्स इंडिया के ऊपर हुए और यह सारे उसी टाइम के कॉन्फ्लेट का इशू माना जाता है कि कैसे उस टाइम इतनी ढील भरती गई चीजों में क्या कोई ऑफिशियल इवॉल्व था या कैसे किया गया था उस ची चीज को तो यही सारी चीजें वेब सीरीज में थोड़ी मसालेदार तरीके से दिखाई गई है वेब सीरीज अच्छी आप देख सकते हैं इंडिया की स्ट को जानने के लिए मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में ऐसी वीडियोस आते रहेंगे सब्सक्राइब करो चैनल को मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में