एक तरफ भारत जा रहा है युद्ध की भूमि में युद्ध की बात करने शांति की बात करने पीएम मोदी वहां रूस के अगेंस्ट नहीं गए हैं या यूक्रेन के फेवर में भी नहीं गए हैं पीएम मोदी वहां एक बैलेंसिंग एक्ट के लिए गए हैं एक संतुलन को बनाए रखने के लिए गए हैं कि यह जो युद्ध हो रहा है वायलेंस हो रहा है कि पीएम मोदी जाए और हो सकता है कि दोनों देश टेबल पर बैठ जाए बातचीत शुरू हो जाए हमले बंद करके जवाबी कार्रवाई बंद होकर बात का चैनल खुल जाए इसलिए तुरंत नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे लेकिन इस बात से जलन खाकर कि कहीं भारत ने पुतिन और जेलेंस्की को टेबल पर बिठा दिया या कहीं हम लोगों की इंटसिटी को कम करवा दिया तो भारत तो जिओ पॉलिटिकली बहुत ही सुपीरियर हो जाएगा चीन से आपको समझ में आ रहा है कि चीन चाहता है कि भारत का रोल जिओ पॉलिटिक्स में ग्लोबल जिओ पॉलिटिक में भू राजनीतिक मंच पर बड़ा हो जाएगा विशाल हो जाएगा