क्या आप जानते हैं अगर चाइना अपनी टीबीएम मशीन को ना देता तो मुंबई में समुंद्र के नीचे बन रही सुरंग को बनाने में कई सालों का समय लग जाता और तो और इस मशीन का इस्तेमाल उत्तराखंड की सुरंग को बनाने में क्यों नहीं किया जाता अगर वहां टीबीएम मशीन का इस्तेमाल किया जाता तो मजदूरों के सुरंग में फंसने वाला हादसा नहीं होता आखिर कैसे चलिए जानते हैं दोस्तों भारत के पास 23 टीबीएम मशीन मौजूद है और टीबीएम जैसी बड़ी मशीनों को भारत में नहीं बनाया जाता इसीलिए चाइना से इसको मंगवाना पड़ता है इसे एक मशीन का वजन 6000 टन तक होता है और इसकी लंबाई 150 मीटर तक होती है इस मशीन के आगे लगे ब्लेड धीरे-धीरे घूमते और मिट्टी और पत्थर को काटते रहते हैं ये टीबीएम मशीन एक साल में 15 किमी तक सुरंग खोज सकती है लेकिन इनका कार बड़ा होने के कारण इनको उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में नहीं ले जा पाते