चलो इस फइल पेपर में से डंडा निकालते हैं टीचर्स डे के लिए अक्सर टीचर्स डंडा निकालते हैं स्टूडेंट्स को कूटने के लिए लेकिन आज ये डंडा टीचर्स के लिए स्टूडेंट्स निकाल सकता है उनके लिए कुछ खास बनाने के लिए सबसे पहले तो आपकी तरफ से आपकी टीचर्स को हैप्पी टीचर्स डे एंड स्पेशली टू मी तो हमारी टीचर्स के लिए हम कुछ खास तो बना ही रहे हैं तब तक उनको थोड़ा याद भी कर लेते हैं और खासकर उन टीचर्स को जो आज भी हमारे मन की गहराइयों में बड़ी जबरदस्ती घुसे बैठे हैं जरा से भी हिले डुले नहीं है सारे ही टीचर्स बहुत अच्छे हुआ करते थे लेकिन जो जो मेरे फेवरेट रहे हैं ना उनका परिचय जरूर दूंगी जैसे प्राइमरी में मेरे ओम प्रकाश सर जो कि सीकर से थे उसके बाद अपर प्राइमरी में कांता शर्मा मैम जो कि बाड़मेर से हैं और हाई स्कूल में थी भरी मैम जो कि बायतू में थे और कॉलेज में मुकेश पचोरी सर इनके टाइम में तो मेरी पर्सनल लाइफ इतनी ज्यादा डावाडोल थी कि मैं डिप्रेस्ड थी और वो बोलते 10 ् टू तो मैं बोलती एट मतलब मेरे दिमाग के घोड़े पूरी तरह से फेवी कॉल से जाम हो रखे थे तो इन सब टीचर्स ने मेरी तारीफों के इतने फुल बांधे इतने फुल बांधे कि मैं दिमाग से पैदल होने के बावजूद अच्छे स्टूडेंट्स की कैटेगरी में आती थी तो ये पेंसिल वाला गिफ्ट बॉक्स बन गया है और ऐसे स्पेशल टीचर्स आपके भी रहे हैं तो उनके नाम जरूर बताना तो मेरे सारे टीचर्स जिन्होंने मुझे पढ़ाया है सबको हैप्पी टीचर्स डे और बा बाय बाय