सीताराम यरी की क्या है ये प्र आप थो बताए हां श्री सीताराम येचुरी जी की बॉडी का उन्होंने डोनेशन किया है परिजनों ने और देह दान एक बहुत नोबल कार्य है और इसमें यह बॉडी पूरी बॉडी डोनेट की जाती है जो स्टूडेंट्स के मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के काम आती है तो पहले बॉडी को इबाम किया जाता है जिसमें कई फ्लूइड इंजेक्ट किए जाते हैं सो दैट बॉडी इ प्रिजर्व इन एज लाइफ लाइक स्टेट एस पॉसिबल एंड देन इस बॉडी को एमबीबीएस स्टूडेंट जो आते हैं उनको टीचिंग के लिए यूज किया जाता है बोथ ग्रॉस एटमी माइक्रो एटमी न्यूरो एंब्रियो इन सारी चीजों को यहां स्टडी कराया जाता है इन एडिशन टू दैट यह जो बॉडी डोनेट की जाती हैं इवन सीनियर्स जैसे कि जब लोग एमडी या एमएस कर रहे होते हैं न्यूरोसर्जरी चाहे ऑर्थोपेडिक्स चाहे ईएनटी चाहे सर्जरी इनके भी स्टूडेंट्स और सीनियर्स आके इन परे प्रैक्टिस करते हैं कोई नए टेक होते हैं लैपरोस्कोपिक सर्जरीज होती है तो बॉडी पर प्रैक्टिस कर सकते हैं तो बॉडी डोनेशन एक बहुत नोबल कॉज है तो ये आजकल हम देख रहे हैं कि लोग बहुत अवेयर हो गए हैं इस कारण काफी लोग अब बॉडी डोनेट करने लग गए हैं मैम जब बॉडी जैसा आपने बता सालो तक आप उ रखते हैं तो जैसे मैंने आपको बताया कि बॉडी को इबाम किया जाता है जिसमें बॉडी में कई फ्लूइड इंजेक्ट करे जाते हैं जिससे बॉडी डिके नहीं करती तो इनको हम फिक्सेटिव्स कहते हैं और कई चीजें और डालते हैं जिससे कि बॉडी को फंगस ना लगे और बॉडी डिके ना हो तो ये तो कई साल अगर प्रॉपर्ली इबाम बॉडी हो तो इसको तो कई साल रख सकते हैं और हर हमारे टैंक्स में करीब 50 60 बॉडीज होती हैं और हर साल हम 10 12 बॉडी स्टूडेंट्स के लिए यूज करते हैं जो एमबीबीएस जवाइन करते हैं और फिर अपने एमडीएमएस के स्टूडेंट्स को दी जाती है जी मैम जैसे फैमिली ने डोनेट की है पूरी बॉडी तो क्या पूरी बॉडी की है या कुछ ऑर्गन उनके अलग-अलग तरीके से किसी को डोनेट किए गए हैं अ नहीं नहीं इन्होंने पूरी बॉडी डोनेट की है अ किडनी या हार्ट अलग से नहीं किया है ये बॉडी ओनली फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की गई है डोनेट तो क्या कोई ऑर्गन एम्स में यूज करें हैं किसी दूसरे पेशेंट के लिए डोनेट करने के लिए आप नहीं नहीं वो पूरी बॉडी ए सच दी गई है फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च नॉट फॉर लाइक अ हार्ट डोनेशन या किडनी डोनेशन ऐसे नहीं जी मैम जैसे बॉडी आप कई सालों तक प्रिजर्व करके रखते हो तो क्या कभी बीच में जब बॉडी डोनेट की जाती है जब हम उसको इबाम कर लेते हैं उसके दो तीन दिन तक तो हम परिजनों को अलाव करते हैं कि वह बॉडी को आके देख ले उसके बाद हम परमिशन नहीं देते देखने के लिए बॉडी को जीम इतनी सारी बॉडी आपने बताया लोग डोनेट करते हैं तो आप रखते हो रिसर्च के लिए उसके बाद कई सालों के बाद फिर कैसे आप उस बॉडी को क्या करते हो फर जैसे यह बॉडीज यूज होती है डिसेक्शन के लिए कई बार स्लाइड्स भी बनती हैं तो जब व पार्ट्स डाक्टर हैं तो अल्टीमेटली सारे रखे जाते हैं और फिर उनका प्रॉपर क्रीमेशन हम करते हैं निगम बोध घाट में