[संगीत] इस वीडियो में बताई गई सारी जानकारी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है इसमें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है जिससे हमारे सुरक्षा बलों की गोपनीयता भंग होती है डिफेंस डिटेक्टिव सेना का सम्मान करता है और उन्हीं जानकारियों के आधार पर काम करता है जो सार्वजनिक रूप से मौजूद हमास और इजराइल के बीच चल रही लड़ाई का असर जो है अब वह अमेरिका पर भी भार पड़ने लगा है वैसे तो अमेरिका इन लड़ाइयां को हवा देता आया है और इन्हीं लड़ाइयां का डर दिखाकर दूसरे देशों में अपनी फोर्सेस को डिप्लॉयड हो रहे हैं बल्कि दूसरे देशों में तैनात उसके फौजियों को उसके मरींस को घेर कर बाकायदा पीटा जा रहा है नमस्कार दोस्तों डिफेंस डिटेक्टिव के एक और नए एपिसोड में आप सभी का स्वागत है मैं हूं आलोक तो दोस्तों खबर तुर्की से आई है तुर्की में अमेरिका के कुछ फौजियों की मतलब इनफैक्ट अमेरिका के मरींस की पिटाई हुई है और उसके बाद बवाल मच गया है अमेरिकी फौजियों पर तुर्की में पहले भी हमले हो चुके हैं ऐसा नहीं है पर इस वीडियो में आप देखेंगे कि ये कैसे आगे बढ़ रहा है मामला और मैं आपको बताऊंगा कि तुर्की में अमेरिका के विरोध क्यों हो रहा है नाटो अलायंस होने के बाद भी तुर्की और अमेरिका के बीच यह खाई बढ़ती क्यों जा रही है और इसका जिओ पॉलिटिक्स पर क्या असर पड़ने वाला है यह वीडियो देखा आपने यह तुर्की की तस्वीरें हैं तुर्की की पोर्ट सिटी इमर की तो हुआ यह कि इमर में कुछ लोगों ने यूएस नेवी के मरींस पर हमला कर दिया इस वीडियो में नीली टीशर्ट में आपको जो आदमी दिख रहा है वह यूएन नेवी का मरीन है पांच लोगों ने उसे पकड़ा हुआ है इतने में पीछे से एक और शख्स आता है और अमेरिकी फौजी के सिर को एक बैग से ढक देता है इस बीच एक और आदमी भाग कर आता है वह उस नेवी मरीन को बचाने की कोशिश करता है लेकिन लोग उसे भी पीट डालते हैं यह हमलावर जोर-जोर से नारे भी लगा रहे हैं तो सवाल उठता है कि तुर्की में अमेरिकी सैनिकों पर हमला क्यों हुआ हमला किसने किया हमलावर कौन से नारे लगा रहे थे और सबसे बड़ी बात कि अमेरिकी फौजी तुर्की में क्या कर रहे हैं शुरुआत आखिरी सवाल से करता हूं कि अमेरिकी फौजी तुर्की में क्या कर रहे थे तुर्की 1952 से ही नाटो यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य है यह तुर्की के नाटो में शामिल होने के डॉक्यूमेंट है जिस पर तुर्की के तब के प्रेसिडेंट सेलाल बॉयर ने साइन किए थे 1949 में 12 देशों के साथ यूएसएसआर के खिलाफ बने इस ऑर्गेनाइजेशन में आज 32 देश हैं लेकिन इसका चौधरी जो है वह अमेरिका है एक्चुअली अमेरिका नाटो का इस्तेमाल केवल अपने फायदे के लिए करता आया है वो जहां भी गिरता है नाटो फोर्सेस का इस्तेमाल करता है दूसरे देशों के नाटो बेसेस और रिसोर्सेस का इस्तेमाल करता है और नाटो अलायंस केवल अमेरिका के इशारों पर नाचते हैं इजराइल और हमास के बीच चल रही लड़ाई और ईरान और हिज्बुल्लाह के साथ इजराइल के बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने अपनी नेवी भूमध्य सागर में तैनात की हुई है बीच-बीच में वो इसे रोटेट करता रहता है तो हुआ ये कि 1 सितंबर को अमेरिकी नेवी का एक बड़ा स्ट्राइक ग्रुप तुर्की के इज़मर पहुंचा तुर्की नाटो मेंबर है इसलिए अमेरिका उसके पोर्ट्स का इस्तेमाल अपने नेवी के लिए करता है इस ग्रुप में एंफीबियस असल्ट शिप यूएसएस वास्प जिसे एलएच डीवन भी कहा जाता है उसके साथ-साथ यूएस नेवी के 24th मरीन एक्सपेडिन यूनिट यानी एमई यू और स्पेशल ऑपरेशन कैपेबल यूनिट शामिल है अब यह मैप भी देख लीजिए इससे आपको तुर्की के इजमे और इजराइल की लोकेशन समझ में आ जाएगी इजमे यहां है और इजराइल यहां भूमध्य सागर में आने वाले अमेरिकी जहाज ग्रीस तुर्की और साइप्रस के पोर्ट्स का इस्तेमाल करते हैं और इस बार अमेरिकन नेवी के जहाज इजम पोर्ट पर पहुंच गए और उसे वहीं पर डॉक किया गया इसी शिप पर तैनात अमेरिकी नेवी के फौजी इमर के बाजार में घूम रहे थे और इसी दौरान उन पर हमला कर दिया गया अब आपको बताता हूं कि हमला किसने किया और इस हमले के पीछ पीछे का मोटिव क्या था यह हमला इजमे के साइप्रस शहीद स्ट्रीट पर हुआ मैप में आप देख सकते हैं कि यह जगह पोर्ट से कितनी नजदीक है वीडियो में आप देख सकते हैं कि हमला जिस जगह पर हुआ वहां सीजन मार्केट है तो यह अमेरिकी फौजी इजमे के मार्केट में घूम रहे थे खरीददारी कर रहे थे और तभी इन पर हमला किया गया अब समझिए कि हमला किसने और क्यों किया अब अमेरिकी फौजियों पर हुए हमले का यह दूसरा वीडियो देखिए इसमें यूएस मरीन को पकड़े वो पांच आदमी तो दिख ही रहे हैं ठीक सामने एक और आदमी दिख रहा है जो नारे लगा रहा है यहां एक और अमेरिकी फौजी को लोगों ने पकड़ा हुआ है वो चिल्ला चिल्लाकर मदद मांग रहा है और जब लोग अमेरिकी फौजी के सिर को बैग से ढक देते हैं तब वह चिल्लाकर कहता है व जो लोग हैं वह कह रहे होते हैं ंकी गो होम यानी अमेरिकियों घर जाओ असल में अमेरिकी फौजियों पर हमला करने वाले यूथ यूनियन ऑफ टर्की के सदस्य थे हमले के दौरान ना केवल ये अपने संगठन के नाम का नारा लगा रहे थे बल्कि उसका पोस्टर भी लहरा रहे थे इस ग्रुप को नेशनलिस्ट ग्रुप के तौर पर जाना जाता है यह ग्रुप अपने आप को मुस्तफा कमाल की सेना बताता है मुस्तफा केली अस्क अमेरिका के सभी फौजी अपने शिप पर लौट गए हैं और सभी सुरक्षित हैं और इस हमले में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ तुर्की ने अमेरिकी फौजियों पर हुए हमले पर फौरन एक् एक्शन लिया है और इस संगठन से जुड़े 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है तुर्की में यूएस एंबेसी ने ट्वीट कर इसके लिए तुर्की की तारीफ भी की है लेकिन सवाल उठता है कि तुर्की के इस यूथ ऑर्गेनाइजेशन ने अमेरिकी सैनिकों पर हमला क्यों किया जबकि अमेरिका तो तुर्की का स्ट्रेटेजिक पार्टनर है पहले भी अमेरिका के कई शिप्स तुर्की आ चुके हैं और सबसे बड़ी बात कि नाटो अलायंस के दो देशों के बीच यह कैसी दुश्मनी आ गई है कि एक के सैनिक को पीटा जा रहा है असल में टीजीबी यानी यूथ यूनियन ऑफ टर्की खुद को राष्ट्रवादी बताने वाला संगठन है वह तुर्की के संस्थापक कमाल अ तुर्क को अपना आदर्श मानता है और उसके लोगों पर भी कमाल अता तुर्क की तस्वीर है यह संगठन र्की की पूरी आजादी का समर्थक है असल में संगठन मानता है कि र्की अभी भी वेस्टर्न कंट्री की गुलामी कर रहा है यह संगठन अमेरिका के सैनिक सहयोग तोड़ने और ईयू से भी दूरी बनाने की वकालत करता है यह यूथ ऑर्गेनाइजेशन र्की अमेरिका इशारों नाने भड़का रहता है साल 2011 से अब तक वो लगातार अमेरिका और वेस्टर्न वर्ल्ड के खिलाफ प्रोटेस्ट करता आया है और इज़मर में अमेरिकी फौजियों पर हुआ हमला भी इसी विरोध की एक कड़ी थी इस हमले की दूसरी वजह है अमेरिका का इजराइल को सपोर्ट तुर्की में ना केवल ये संगठन बल्कि आम लोगों में भी इजराइल के साथ साथ अमेरिका को लेकर भी बहुत गुस्सा है और यहां तक कि अर्दोगन भी अमेरिका को कई बार इस लड़ाई को लेकर निशाना बना चुके हैं तो इस हमले के पीछे भी इजराइल हमास कॉन्फ्लेट और उसमें अमेरिका के रोल का विरोध भी है इस हमले के बाद पुलिस ने अमेरिकी फौजियों को बचाकर उनसे जब वह पूछताछ कर रही थी तो यूथ यूनियन ऑफ टर्की का सदस्य वह नारेबाजी कर रहे थे वह अमेरिका और इसराइल को हत्यारा बता रहे थे ल आद ल इसराइल खाल आब टीजीबी लगातार इजराइल अमेरिका के खिलाफ कैंपेन चला रहा है और वह अपने देश में लोगों को मोटिवेट कर रहा है ताकि अपने देश की गवर्नमेंट पर दबाव बनाया जाए कि वह अमेरिका से अपने संबंधों को तोड़ ले तुर्की की सरकार और तुर्की के लोगों के इस विरोध से इजराइल भी चढ़ता है एर्दोगान के बयान के बाद उसने तुर्की को नाटो से निकाल बाहर करने की भी मांग की थी आपको एक और बात बता दूं तुर्की में इससे पहले भी अमेरिकी फौजियों पर हमले हो चुके हैं 2014 और 2021 में भी तुर्की में अमेरिकी फौजियों को निशाना बनाया गया था यह बीबीसी तुर्की का वीडियो है इसमें भी टीजीबी से जुड़े लोगों ने अमेरिकी फौजी को घेरकर उसकी पिटाई कर डाली थी यह भी तुर्की का ही वीडियो है इसमें भी सड़क से गुजरते अमेरिकी फौजी पर तुर्की के लोग झपट पड़े थे वैसे तुर्की में अमेरिका के बढ़ते विरोध की सबसे बड़ी वजह है भरोसा तुर्की के लोगों को अमेरिका पर रत्ती भर भी यकीन नहीं है उन्हें लगता है कि मुसीबत के वक्त अमेरिका तुर्की की मदद नहीं करेगा 3 साल पहले तुर्की में हुए एक सर्वे से पता चला था कि तुर्की के लगभग 94 पर लोग अमेरिका को अपने साझेदार के तौर पर नहीं देखते हैं अमेरिका के इराक पर हमला करने की वजह से भी तुर्की में एंटी अमेरिका सेंटीमेंट बढ़ गया था ठीक यही बात अफगान वॉर के दौरान भी नजर आई थी जबकि अफगानिस्तान में नाटो की फोर्सेस में तुर्की ने भी अपनी सेना भेजी थी तुर्की और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव की एक बड़ी वजह कुर्दिश फाइटर्स भी असल में अमेरिका सीरिया में कुर्द फोर्सेस को सपोर्ट कर उसे आईस के खिलाफ लड़ने में मदद कर रहा है लेकिन यह मदद तुर्की को बहुत भारी पड़ रही है असल में कुर्दिश संगठन पीकेके को तुर्की एक सेपरेटिस्ट ऑर्गेनाइजेशन मानता है यह संगठन 70 के दशक से ही तुर्की ईरान इराक और सीरिया के कुर्दिश इलाकों को मिलाकर अलग देश बनाने के लिए हथियारबंद लड़ाई लड़ रहा है 80 के दशक में इसने तुर्की में कई आतंकवादी हमले भी किए थे अभी भी इसके ऑपरेशन जारी हैं तो अमेरिका से मिलने वाली मदद का इस्तेमाल यह संगठन तुर्की के खिलाफ भी कर रहा है वहीं तुर्की इस ऑर्गेनाइजेशन के ठिकानों पर हवाई हमले करता रहता है यह आज की खबर है तुर्की ने एक बार फिर नॉर्दन इराक में पीके के के ठिकानों पर हमला किया है तुर्की को इस बात से नाराजगी है कि अमेरिका उसके दुश्मनों को सपोर्ट कर रहा है वहीं अमेरिका तुर्की के इन हमलो को गलत बताता है अमेरिका और तुर्की के बीच बढ़ते विवाद की एक बड़ी वजह तुर्की का रूस कनेक्शन भी है नाटो अलायंस होने के बावजूद तुर्की के रूस के साथ बड़े अच्छे संबंध है तुर्की ने रूस से एयर डिफेंस सिस्टम ए 400 भी खरीदे हैं अब यह भला अमेरिका कैसे बर्दाश्त कर सकता है तुर्की अमेरिका से f16 खरीदना चाहता था लेकिन अमेरिका ने इससे इंकार कर दिया है यह भी एक बड़ी वजह है दोनों देशों के बीच बढ़ रही दूरी की वैसे तो अमेरिका तो धूर्त है ही वो दुनिया भर में लड़ाइयां को भड़काने और उससे फाय उठाने में लगा रहता है यह हम सब जानते हैं तो तुर्की भी कम नहीं है भाई आतंकवाद पर उसका दोगलापन पूरी दुनिया जानती है वह कुर्द का विरोध करता है लेकिन कश्मीर में आतंकवाद को सपोर्ट करता है वह इजराइल का विरोध करता है लेकिन हमास के अटैक को सपोर्ट करता है तो जाहिर है कि तुर्की और अमेरिका की अगुवाई वाले वेस्टर्न वर्ल्ड के साथ तुर्की का याराना यह बहुत ज्यादा दिनों तक चलने नहीं वाला है और इमर जैसे वाक अभी और देखने को मिल सकते हैं और यह ज्यादा वायलेंट हो सकते हैं अभी तो सिर्फ पीटा है कल को किसी अमेरिकी फौजी को मार दे तो क्या करेंगे तो दोस्तों आज का यह वीडियो आपको कैसा लगा जरूर बताइए कमेंट करके और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए भाई दूर तक फैलाए नाटो में ही अंदर अंदर लफड़े चल रहे हैं और जिन दोस्तों ने अभी तक डिफेंस डिटेक्टिव को सब्सक्राइब नहीं किया है तो भाई आपसे अनुरोध है आग्रह है चैनल को सब्सक्राइब करिए बिल्कुल फ्री है और यहां पर आपको ऑथेंटिक जानकारी वाले ही वीडियोस मिलेंगे हवाहवाई बातें में नहीं करता यह आप जानते हैं तो अगर आपने बेल आइकॉन नहीं दबाया है तो बेल आइकॉन जरूर दबाइए वरना नोटिफिकेशन हमारे नए वीडियो की नहीं मिलेगी जल्दी मिलता हूं एक और नए वीडियो के साथ नमस्कार जय हिंद [संगीत]