[संगीत] नमस्कार आप देख रहे हैं कैपिटल टीवी और मैं हूं आपके साथ पारुल त्रिपाठी आपने कई महामारी का नाम सुना होगा हाल में विश्व भर में कोरोना महामारी से तांडव मचाया था यह कौन भूल सकता है मगर अमेरिका में अब नई बला महामारी का रूप दे रही है यह है ड्रग्स महामारी अमेरिका में फैल रहे इस महामारी के पीछे चीन का हाथ है जिस तरह रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना महामारी के पीछे भी चीन का हाथ था जिससे अमेरिका में कोरोना से लगभग 1.1 मिलियन मौतें हुई थी तो अब कोरोना के बाद कौन सी महामारी फैल रही है जो अमेरिका में नस्लें भी खत्म कर रही है क्या है पूरा मामला सब कुछ आपको विस्तार से बताएंगे हमारे खास शो बियोंड बॉर्डर में चलिए शुरू करते हैं अमेरिका की नस्ल बर्बाद कर रहा चीन ड्रैगन के जहर से हर दिन 200 लोगों की मौत चीन ने अमेरिका के घर-घर में दिया घाव अमेरिका में अब नई बला महामारी का रूप ले रही है यह एक ड्रग्स महामारी है अमेरिका में फैल रहे इस महामारी के पीछे चीन का हाथ है यह महामारी मुख्य रूप से फेंटे आइल और अन्य ओपिड के कारण है यह पदार्थ हर हफ्ते 1500 से अधिक अमेरिकियों की जान लेने के लिए लिए जिम्मेदार है यह पूरे देश में घातक ओवरडोज का मुख्य कारण बन गया है एक रिपोर्ट के अनुसार हाल के सालों में वैद फेटना इल एक अत्यधिक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपियो इड इस ड्रग्स महामारी का चेहरा बन गया है अवैध फेंटे आइल की अपूर्ति मुख्य रूप से चीन और मैक्सिको में की जाती है और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में तस्करी की जाती है अमेरिका में फेंटाइन संकट के कारण 2023 में 108000 से अधिक ओवरडोज से मौतें हुई हैं इस महामारी के पीछे चीनी कंपनी इस महामारी से हो रही मौत के पीछे मिले सबूत में चीन और मेक्सिको दोनों की प्रत्यक्ष भागीदारी देखने को मिली है चीन इस अपूर्ति श्रृंखला में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो घातक फैंटना इल को संयुक्त राज्य अमेरिका में लाता है भले ही दोनों देश प्रशांत महासागर के विशाल विस्तार से अलग हो हेरिटेज फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी रासायनिक कंपनियां मैक्स कोटेल को फेंट लाइन के उत्पाद के लिए आवश्यक कंपनियों की आपूर्ति कर रही है जिससे बाद में अमेरिकी सीमा के पार तस्करी कर लाया जाता है चीन को रोक पाना अमेरिका के लिए मुश्किल दो विदेशी सप्लायर के बीच यह साझेदारी एक भू राजनीतिक विरोधी और दूसरा संगठित अपराध से त्रस्त राष्ट्र एक सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को बढ़ावा दे रहा है जिसे नियंत्रित करना अमेरिका के लिए मुश्किल साबित हुआ है अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार फेंटाइन अब अमेरिका के सामने अब तक का सबसे घातक ड्रग खतरा है 2023 में दर्ज की गई 108000 ओवरडोज मौतों में से 75000 से ज्यादा मौतों के लिए फेंट लाइन जैसे सिंथेटिक ओपिड जिम्मेदार थे ड्रग की घातक और इसके उत्पादन और वितरण में आसानी ने इसके प्रभाव को और बढ़ा दिया है हर दिन लगभग 200 अमेरिकी फेटना ओवरडोज से मर रहे हैं कैसे चीन फैला रहा है जाल फैंटना इल संकट का एक जटिल वैश्विक अपूर्ति श्रृं घाला का परिणाम है जो चीन के बायोफार्मास्यूटिकल उद्योगों को मेक्सिकन ड्रग कंट्रोल और अंततः अमेरिकी संपर्क से जोड़ता है चीनी कंपनियां फेटना इल प्रिकर सर्स रसायनों का उत्पादन और निर्यात करती हैं जिन्हें बाद में मेक्सिको भेजा जाता है वहां कंट्रोल रसायनों और फेंट इल में तब्दील करते हैं हैं और तैयार उत्पाद को संयुक्त राज्य अमेरिका में तस्करी करते हैं यह तो कहानी थी किस तरह चीन अमेरिका की नस्ल बर्बाद कर रहा है और अब संक्षेप में आपको कोरोना का समय और कुछ तथ्य भी बता देते हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि कोरोना महामारी के पीछे थी चीन की साजिश कोरोना महामारी की शुरुआत से ही इसके पीछे चीनी साजिश को लेकर कई बातें कही जा रही थी 2021 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय को चीन के सैन्य वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों का खुफिया दस्तावेज मिला था इसके मुताबिक चीन के विज्ञानी 2015 से ही कोरोना वायरस को प्रयोगशाला में कृत्रिम तरीके से एक घातक जैविक हथियार में बदलने की संभावना पर काम कर रहे थे उनका मानना है कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों से ही लड़ा जाएगा चीन भले ही कोरोना महामारी के फैलने में अपना हाथ होने से इंकार करता रहे लेकिन कई ऐसे तथ्य हैं जो चीन की इस साजिश की कलाई खोलते दिख रहे हैं वुहान की प्रयोगशाला में छुपे कई राज चीन के वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कोरोना वायरस को लेकर लंबे समय से शोध चल रहा है यह प्रयोगशाला वहान के उस बाजार से मात्र 16 किमी दूर है जहां से कोरोना महामारी की शुरुआत बताई जाती है यह बात भले ना मानी जाए कि वायरस को चीन ने जानबूझकर फैलाया लेकिन बहुत से वैज्ञानिक प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की आशंका को सिरे से खारिज करने के पक्ष में नहीं है पहले भी लीक हुआ है वायरस अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक 2004 में वुहान की प्रयोगशाला में वायरस लीक हुआ था उस समय वायरस से नौ लोग संक्रमित हुए थे और एक व्यक्ति की जान चली गई थी अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन में वायरस लीक के ऐसे मामले कई बार सामने आ चुके हैं वायरस लीक के तरीकों पर वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रयोगशाला में सुरक्षा कितनी भी पुख्ता हो लेकिन प्रयोग के दौरान संक्रमित इंजेक्शन के संपर्क में आने या प्रयोग में शामिल किसी चूहे या अन्य जी के काटने से वायरस लीक हो सकता है चमगादर से मनुष्य तक कैसे पहुंचा वायरस कोविड-19 महामारी के लिए कोरोना वायरस के जिस स्ट्रेन को जिम्मेदार माना जाता है वह काफी हद तक चमगादड़ में पाए गए एक वायरस से मिलता जुलता है कहा जाता है यही वायरस अपने आप को बदलते हुए मनुष्य तक पहुंच गया है हालांकि कई वैज्ञानिक इस व्याख्या को खारिज करते हैं उनका सवाल यही है कि कोई वायरस से सीधे किसी जीव से मनुष्य में आकर इतना संक मक नहीं हो सकता है यह सवाल लगातार चढ़ता रहा है और चीन लगातार इससे इंकार करता रहा है यह जैविक हथियारों के साथ चीन की पहल है लेकिन इसी के साथ आपको बता दें कि चीन की नौ सेनाओं के संयुक्त सैन्य अभ्यास से अमेरिका की बड़ी टेंशन चीन एक तरफ जहां दुनिया में अपना दबदबा चाहता है वहीं दूसरी तरफ रूस से उसकी बढ़ती दोस्ती ना सिर्फ अमेरिका को चिंता में डाल देगी बल्कि उसका दोस्त जापान भी चिंता में आ जाएगा चीनी और रूसी सेनाएं लगाता ार दो संयुक्त अभ्यास और एक संयुक्त नौसैनिक गश्त कर रही है अभ्यास से पहले एडवांस चीनी योद्ध पोत और युद्धक विमान पीटर द ग्रेट बे और लाद पो स्तोक में पहुंच चुके हैं प्यूप लिबरेशन आर्मी के मीडिया सेंटर ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक रिपोर्ट में कहा कि उत्तरी इंटरसेक्शन 2024 संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए चीनी फ्लॉटिला सोमवार को अभ्यास स्थल पर पहुंच गया और रूसी पक्ष के साथ मुलाकात की चीनी बेड़े में टाइप 052d विध्वंसक शनिक टाइप 055 बड़ा विध्वंसक वूशी टाइप 054 ए फ्रीगेट लियानी टाइप 903 ए व्यापक पुनः पूर्ति जहाज ताइहू और तीन पोत जनहित हेलीकॉप्टर शामिल हैं जबकि रूसी बड़े में एंटी पंडी जहाज कोरवेट एंटी पंड उप्पी गश्ती विमान और हेलीकॉप्टर सहित बल भेजेगा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ल में 400 वरशिप सबमरीन और सपोर्ट वेसेल हिस्सा ले रहे हैं रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह 16 सितंबर तक चलेगा पीएलए के मीडिया सेंटर के अनुसार चीनी और रूसी सेनाओं के रणनीतिक सहयोग और सुरक्षा खतरों से मिलकर निपटने में उनकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ओशन 2024 रणनीतिक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लेने वाले रूस नौसेना और पीएलए नौसेना के युद्धपोत पीटर द ग्रेट पे के उत्तरी क्षेत्र में मिले जापान की क्यों बड़ी टेंशन रूस और चीन के बीच बढ़ती दोस्ती से अमेरिका तो परेशान है ही वहीं अमेरिका का दोस्त जापान भी इससे हैरान है क्योंकि जो युद्ध अभ्यास होने जा रहा है वह जापान सागर में हो रहा है जापान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि उसने शनिवार से रविवार तक पांच चीनी नौसेना के जहाजों को सुशिमा स्ट्रेट से उत्तर पूर्व पूर्व की ओर जापान सागर की तरफ जाते हुए देखा है जापान के सुरक्षा बलों ने चीन के जहाजों की तस्वीरें जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने इन जहाजों की निगरानी की है दरअसल सुशिमा शेत दक्षिण कोरिया और जापान के बीच स्थित है और दक्षिण चीन सागर और जापान सागर को जोड़ता है हालांकि यह जापान के जल क्षेत्र में नहीं आता है जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हशी योश मासा ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इन अभ्यास के इरादों और उद्देश्यों का आकलन करना कठिन है उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में चीन और रूस नौसैनिक जहाजों और बम वषक विमानों के साथ लगातार संयुक्त सौन अभ्यास कर रहे हैं उन्होंने कहा कि जापान आगमी अभ्यास को दोनों देशों के सैन्य गठबंधन को अधिक मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखता है हशी ने कहा कि जापान सूचना एकत्र कर उसका विश्लेषण जारी करेगा तथा निगरानी और निरीक्षण गतिविधियों को सुधरने के लिए हर संभव प्रयास करेगा इसी के साथ आपको बता दें कि दक्षिण अमेरिका में चीन एक बंदरगाह बना रहा है जिससे अमेरिका के साथ उसके संबंध बिगड़ सकते हैं अब अमेरिका को इसको लेकर चिंता सता रही है बीजिंग पानी का बंदरगाह बनाने की कोशिश में लगा हुआ है जिसका उद्घाटन इस साल के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरफ से किए जाने की संभावना है चीन दक्षिण अमेरिका में बंदरगाह बनाने की कोशिश में है बता दें कि चीन 3.5 बिलियन डॉलर की लागा से यह बंदरगाह बना रहा है जो एशिया और दक्षिण अमेरिका के बीच व्यापार को बढ़ावा दे सकता है और चीनी इलेक्ट्रिकल वाहनों और अन्य निर्यां के लिए नए बाजार खोल सकता है बंदरगाह पर चीन के नियंत्रण के बाद अमेरिका के संसाधनों पर चीन की पकड़ और मजबूत होगी जिसको लेकर दक्षिण अमेरिका चिंता में है बताया जा रहा है यह पहला ऐसा बंदरगाह है जो 60 फीट की गहराई के कारण मेगा जहाजों को प्राप्त करने में सफल होगा तो श्याम दाम दंड भेद से चीन अमेरिका की टेंशन बढ़ाने में लगा हुआ है फिलहाल इस खबर में बस इतना ही बाकी देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए आप देखते रहिए कैपिटल टीवी