President Rule In Delhi? SC Bail Order Fumes Debate #lawchakra #supremecourtofindia #analysis

एक ऐसा चीफ मिनिस्टर जो ऑफिस ही नहीं जा सकता ऐसा ही कुछ दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल के साथ हुआ है जब वह तिहार जेल से बाहर आए हैं 6 महीने की जुडिशियस कस्टडी में रहने के बाद आप तो जानते हैं कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को अब बेल मिल चुकी है जिसके चलते सारे पॉलिटिकल गलियारों में सनसनी मची हुई है जहां यह बातें उठने लगी थी कि उनके आने से प्रेसिडेंट रूल लगने के चांसेस स्लिम हो गए हैं वहीं उनके लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं क्योंकि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को दी गई बेल कंडीशंस की वजह से उनकी कई पावर्स को सीज कर लिया गया है और इन्हीं बेल कंडीशंस की वजह से अब बीजेपी के लीडर्स फिर से प्रेसिडेंट रूल लगाने की बात कर रहे हैं साथ ही व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए जजमेंट से भी काफी खुश है तो चलिए आज हम इस वीडियो में जानेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट से क्यों बीजेपी लीडर्स काफी खुश दिखे हैं साथ ही यह भी कि सीबीआई के अलावा दिल्ली हाई कोर्ट के कंडक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर्स में क्या कहा गया है आपने हमारी पिछली कई वीडियोस में यह तो देखा कि कैसे सुप्रीम कोर्ट बेंच जस्टिस उज्जल भुयान एंड जस्टिस सूर्यकांत ने इस बात से तो एग्री किया कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को बेल मिलनी चाहिए लेकिन सीबीआई द्वारा उनके अरेस्ट को लेकर उन दोनों के पॉइंट्स अलग थे जस्टिस सूर्यकांत ने जहां एक और एग्री किया कि सीबीआई द्वारा अरविंद केजरीवाल का अरेस्ट लीगल था वहीं जस्टिस उजल भुयान यह देखकर काफी शौक थे यहां तक कि वो यह समझ नहीं पा रहे थे कि कैसे सीबीआई द्वारा उन्हें 22 महीने बाद अरेस्ट किया गया था और क्या यह सही है इसके अलावा दोनों ही जजेस एक और पॉइंट से एग्री करते हुए नजर आए थे उन्होंने एग्री किया कि दिल्ली हाई कोर्ट की जज जस्टिस नीना बंसल को अगर दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल की बेल नहीं सुननी थी तो उसे डिस्मिस कर देना चाहिए था ना कि उस पर ऑर्डर रिजर्व करके बाद में उसके अगेंस्ट फैसला देना चाहिए था अब जहां एक और यह सारे ही मामले थोड़े क्लियर हैं वहीं दिल्ली के चीफ मिनिस्टर को दी गई बेल कंडीशंस ने एक और कंट्रोवर्सी खड़ी कर दी है एक बेल कंडीशन में यह कहा गया है दैट द दिल्ली चीफ मिनिस्टर कैन नॉट गो टू द ऑफिस और द दिल्ली सेक्रेट ट्रेट एंड ही कैन नॉट साइन द ऑफिशियल फाइल अब जहां एक और बीजेपी के लीडर्स ने यह बात रखी है कि जो चीफ मिनिस्टर ऑफिशियल फाइल साइन नहीं कर सकता वह सरकार कैसे चला सकता है इसीलिए इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने प्रेसिडेंट रूल को लगाने की बात कही है लेकिन वहीं दूसरी ओर इस बेल कंडीशन को क्लेरिफाई करते हुए सीनियर एडवोकेट डॉक्ट अभिषेक मनो सिंघवी ने यह कहा है कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर को फाइल साइन करने की परमिशन है लेकिन कुछ सिलेक्टिव फाइल्स थही अनदर मिस इंफॉर्मेशन गोइंग ऑन इ ही कांट साइन फ द ऑर्डर डन ड कॉमा फुल स्टॉप टू द ऑर्डर ऑलरेडी पा न जुलाई द पीएमएलए केस केजरीवाल हिमसेल्फ ल् आ नाउट ऑर्डर सेज ए फगन केजरीवाल होल्ड नो पोर्टफोलियो न एक्चुअली साइन एनी फाइ एट ल द ओनली कैटेगरी ऑफ फाइल्स मस्ट साइन एंड ड साइन आर द वन वि हैव टू गो टू द एलजी सो द सुप्रीम कोर्ट डर ऑ जुलाई मेड दिस डिक्शन से ल मैटर है टू साइन नेमली टू द एलजी ही कैन साइन व्हिच इज कंटिन्यूड टुडे द वनस व्हिच आर अदर्स हिज मिनिस्टर साइन ही डज नीड टू साइन एंड लास्ट आई थिंक इट पॉलिटिकल टू सजेस्ट दैट ही कैन नॉट फंक्शन एज अ चीफ मिनिस्टर इट इज नॉट समथिंग विच आई गो टू गेट इन टू बट आ इलेक्टेड चीफ मिनिस्टर कैन नॉट एंड शुड नॉट बी रिमूव्ड बाय दज टैक्टिक्स नाउ दैट ही इ आउट ऑफ जेल एंड हिज मिनिस्टर आर साइनिंग फाइल्स एंड ही कैन साइल द फाइल फॉर द एलजी आई डोंट थिंक गवर्नेंस इ ए इशू एट ऑल हालांकि इस एक्सप्लेनेशन के बाद मैं आपको बता दूं कि कुछ सीनियर लीडर्स और सीनियर एडवोकेट अब भी दिल्ली चीफ मिनिस्टर और आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिखे हैं साथ ही उन्होंने कहा है कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर को अभी बेल मिली है सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निर्दोष साबित नहीं किया है इस मामले में सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने क्या कहा है आइए एक नजर डालते हैं उच्च न्यायालय ने कट्टर बईमान पापी आपके कन्वीनर अरविंद केजरीवाल को फिर से आईना दिखाया है और यह जो आदेश पारित हुआ है भ्रष्टाचारी कट्टर बैमान अरविंद केजरीवाल को कंडीशनल बेल मिली है कुछ पहलू आज का जो आदेश आया है उसको आपके समक्ष रखना बेहद जरूरी है और यह कहना गलत नहीं होगा जेल वाला सीएम अब बेल वाला सीएम हो गया है और वह भी कैसी कंडीशनल बेल है वह भी मैं आपके समक्ष रखूंगा और इस आदेश के आने के बाद सब से पहले जो अहम है अति आवश्यक है दिल्ली की जनता की आवाज जो भारतीय जनता पार्टी उठाती रही है अरविंद केजरीवाल को तुरंत चाहिए कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दे लेकिन बेशरम अरविंद केजरीवाल ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि अरविंद केजरीवाल में एक बूंद नैतिकता नहीं बची है और वहीं बीजेपी लॉ मेकर और एडवोकेट बांसुरी स्वराज ने भी इस बात पर अपनी टिप्पणी दी है उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने डिले एंड ट्रायल को लेकर ही उन्हें बेल दी है और कोई रीजन नहीं है शी स्टेटेड दिस बेल वाज ग्रांटेड बिकॉज द कोर्ट फाउंड दैट द ट्रायल माइट बी डिलेड बट इफ यू लुक एट इट टुडे द वर्कर्स एंड लीडर्स ऑफ द आम आदमी पार्टी आर सेलिब्रेटिंग करप्शन जहां इस बेल कंडीशन को लेकर एक डाउट दिल्ली के चीफ मिनिस्टर और आम आदमी पार्टी चीफ पर बना हुआ है वहीं आपको बता दूं कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उजल भुयान को भी यह कंडीशंस कुछ ठीक नहीं लगी थी और इस पर उनके भी सीरियस ऑब्जर्वेशन थी हालांकि अपने जजमेंट में उन्होंने फर्द ऐड किया था दैट हैविंग रिगार्ड टू जुडिशियस डिसिप्लिन आई वुड रिफ्रेम फ्रॉम फर्द एक्सप्रेसिंग माय व्यूज देयर ऑन एट दिस स्टेज सिंस दोज कंडीशंस हैव बीन इंपोज्ड इन द ईडी केस बाय अ टू जज बेंच ऑफ दिस कोर्ट अंत में आइए आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इस बारे में क्या कहा है एक नजर डाल लेते हैं क्या कह रहे केजरीवाल तो साइन नहीं कर सकते केजरीवाल तो मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर सकते कहां सपना देख लिया क्यों तुम्हारे मन में लड्डू फूट रहा है दिल्ली की जनता का काम रोकना चाहते हो फ्री बिजली फ्री पानी फ्री शिक्षा फ्री इलाज फरिश्ते स्की माताओं बहनों की बस की यात्रा यह रोकना चाहते हो क्यों लड्डू फूट रहा है ऑर्डर पढ़ा है दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है पहली बात दूसरी बात सारे मंत्री अपना काम करते हैं अपनी-अपनी फाइलों पर खुद से दस्तखत करते हैं तीसरी बात अरविंद केजरीवाल उन्हीं फाइलों पे दस्तखत करते हैं जो अप्रूवल के लिए एलजी के पास जाती है क्योंकि उनके पास कोई विभाग नहीं और जो फाइलें एलजी के पास जाएंगी उस पर दस्तखत करने से कोई रोक सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई है तो मुख्यमंत्री के तौर पे 100% बेहतरीन तरीके से जैसे तीन बार चुने हुए मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल नेने काम किया वैसे ही आगे काम करते रहेंगे दिल्ली के लोगों का भला करते रहेंगे दिल्ली के लोगों के लिए लड़ते रहेंगे दिल्ली के लोगों को उनका हक दिलाते रहेंगे दिल्ली के लोगों का एक भी काम नहीं रुकेगा ना सरकार का काम सुप्रीम कोर्ट ने रोका है ना अरविंद केजरीवाल का काम सुप्रीम कोर्ट ने रोका है हर उस फाइल पर दस्तखत करने का अधिकार अरविंद केजरीवाल को है जो जरूरी फाइल है जो के पास जाती है तो इसलिए आपकी इस केस में क्या राय है हमें जरूर बताइए एंड कीप फॉलोइंग लॉ चकरा फॉर मोर सच लीगल न्यूज एंड अपडेट [संगीत]

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