[संगीत] कैप्टन फर्स्ट ऑफिसर प्लेन का कंट्रोल मुझे दे दो तुम रहने दो मुझे इसे कंट्रोल करने दो फर्स्ट ऑफिसर कैप्टन मैंने प्लेन का कंट्रोल ऑलरेडी आपको ही दे दिया है बेकाबू नजर आ रहे इस प्लेन का लेफ्ट साइड वाला इंजन फेल हो चुका है और कैप्टन इस वक्त इतने घबराए हुए हैं कि उन्हें यह भी एहसास नहीं है कि प्लेन का कंट्रोल उन्हीं के हाथों में है प्लेन की प्रॉब्लम समझने में यह इतना खो गए हैं कि इन्हें फर्स्ट ऑफिसर की आवाज भी नहीं सुनाई दे रही प्लेन इस वक्त 390 फीट के एल्टीट्यूड पर स्टॉल पोजीशन में है और इससे पहले कि कैप्टन या फर्स्ट ऑफिसर कुछ कर पाएं कॉकपिट में डोंट सिंक की सिक्योरिटी वार्निंग बजना शुरू हो जाती है इसके बाद क्या होता है और यह प्लेन क्रैश होने से बच पा है या नहीं यह हैरत अंगेज कहानी है एयर एजरी फ्लाइट 6289 की जिसे जानकर आप भी हैरान हो [संगीत] जाएंगे 6 मार्च 2003 अल्जीरिया के तामरा सेट एयरपोर्ट पर यह बोइंग 7372 उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है एयर अल्जेरी की इस फ्लाइट 6289 को घर दया होते हुए अल्जेरी के हुरी बोमेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचना है यह फ्लाइट ऑलरेडी न घंटे लेट हो चुकी है क्योंकि प्लेन के सिस्टम बी हाइड्रोलिक पंप में कोई खराबी आ गई है वैसे तो यह प्लेन ऑलमोस्ट 20 साल पुराना हो चुका है लेकिन एयर अल्जेरी ने इसे बहुत अच्छे से मेंटेन किया है और हाइड्रोलिक पंप की इस टेंपरेरी दिक्कत के अलावा यह प्लेन काफी अच्छी कंडीशन में है इस 7372 में 17 ए डक्टेड लो बायपास टर्बो फैन इंजन लगे हुए हैं जो बाहर से बिल्कुल नए नजर आते हैं हालांकि इसमें से लेफ्ट साइड वाला इंजन 300 फ्लाइंग आवर्स कंप्लीट कर चुका है और राइट साइड वाला 23000 आवर्स फ्लाइट डिले होने के चलते कैप्टन जानबूझकर लेट हैं और इनके लेट आने की वजह से सारी प्रीफ्लाइट प्रिपरेशंस फर्स्ट ऑफिसर को कंप्लीट करनी पड़ रही हैं वैसे बता दें कि इस फ्लाइट के कैप्टन 48 साल के बलम बेनोई हैं जिनके पास टोटल 10760 घंटों का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है हालांकि इनमें से बोइंग 7372 पर एज कैप्टन उनका एक्सपीरियंस सिर्फ 1087 घंटे है जो नोट करने वाली चीज है कॉकपिट में इनका साथ देने के लिए 44 साल की फातिमा यूसुफी फर्स्ट ऑफिसर की ड्यूटी पर हैं और इनके पास अभी 5219 फ्लाइंग आवर्स का एक्सपीरियंस है लेकिन 7372 पर फातिमा ने कैप्टन बेनोई से 205 घंटे ज्यादा बिताए हुए हैं पायलट के अलावा प्लेन में चार कबि क्रू भी मौजूद हैं जो फ्लाइट के डिपार्चर की तैयारी में लगे हैं असल में डिले होने की वजह से फ्लाइट का नया डिपार्चर टाइम दोपहर 2 बजे का रखा गया है जिसमें सिर्फ 20 मिनट बाकी रह गए हैं हाइड्रोलिक पंप को रिपेयर कर रही मेंटेनेंस टीम ने अपना काम निपटा दिया है और प्लेन में 97 पैसेंजर सवार हो चुके हैं हालांकि इस सफर पर 100 पैसेंजर जाने वाले थे लेकिन तीन पैसेंजर के साथ डॉक्यूमेंटेशन की कुछ प्रॉब्लम हो गई जिसकी वजह से उन्हें इस फ्लाइट में जाने की परमिशन नहीं मिल पाई और इसी के चलते फ्लाइट 6289 में इस समय 97 पैसेंजर्स मौजूद हैं इन्हीं 97 लोगों में 28 साल का एक अल्जीरियन सोल्जर यूसेफ जलाली भी है जिसकी सीट प्लेन की लास्ट रो में है नोट करने वाली बात यह है कि यूसुफ जलाली ने अपनी सीट बेल्ट नहीं बांधी और यह आज इनकी लाइफ की सबसे अच्छी गलती साबित होने वाली है कैसे वह हम आगे जानेंगे फिलहाल कैप टन के लेट होने की वजह से फर्स्ट ऑफिसर अकेले ही फ्लाइट का सारा इनिशियल सेटअप और वॉक अराउंड कंप्लीट कर रही हैं साथ ही इस फ्लाइट के लिए इन्होंने प्लेन में 4.6 टन फ्यूल भी डलवा लिया है यही वजह है कि फ्यूल 97 पैसेंजर्स व ढेर सारे लगेज के साथ प्लेन का टेक ऑफ वेट 48708 किलो पहुंच गया है जो इसकी मैक्सिमम लिमिट से सिर्फ 800 किलो कम है और यह आज के इस इंसीडेंट में बहुत अहम फैक्टर साबित होने वाला है आखिरकार प्लेन के बाहर का ऑलमोस्ट सारा काम निपटने के बाद कैप्टन भी आ गए हैं पर इतना लेट होने के बाद भी यह फर्स्ट ऑफिसर के काम में हाथ नहीं बटा रहे बल्कि प्लेन की फर्स्ट लेग यानी इसे घर दइया तक उड़ाने की जिम्मेदारी फर्स्ट ऑफिसर को सौंपकर यह कैबिनेट के साथ पर्सनल बातें करने में बिजी हो गए हैं इसी बीच कॉकपिट का सारा काम निपटाने के बाद फर्स्ट ऑफिसर डिपार्चर ब्रीफिंग पढ़ना शुरू करती हैं जिसमें वह प्लेन की डिफरेंट टेक ऑफ स्पीड्स जैसे v1 v आ और v2 के बारे में बताती हैं और इसके बाद कैप्टन को यह भी ब्रीफ करती हैं कि उन्हें अपना इंजन प्रेशर रेशियो यानी ईपीआई कैप्टन इन्हें रोक देते हैं जैसे कि उन्हें सब कुछ पहले से पता हो और इस इंपॉर्टेंट ब्रीफिंग को रोककर यह फिर से कैबिनेट के साथ बात करने में बिजी हो जाते हैं फर्स्ट ऑफिसर देखती है कि कैप्टन को आगे की ब्रीफिंग सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है इसलिए वह टावर को कॉल करके बताती हैं कि उनका प्लेन आगे बढ़ने के लिए तैयार है टावर से कंफर्मेशन मिलते ही प्लेन को पुशबैक करने की प्रोसेस शुरू हो जाती है और इसके बाद कुछ ही मिनटों में टैक्सिंग करते हुए प्लेन धीरे-धीरे रनवे की तरफ बढ़ने लगता है और सही मायनों में इस वक्त कैप्टन मैनेजर को कॉकपिट से निकलकर पीछे अपनी सीट पर चले जाना चाहिए लेकिन न जाने कैप्टन को इनसे ऐसी क्या जरूरी बात करनी है कि यह इन्हें रोककर पिट की जंप सीट पर बैठा देते हैं इससे साफ जाहिर है कि कैब मैनेजर और कैप्टन चीजों को बहुत कैजुअली ले रहे हैं और इन्हें लोगों की सेफ्टी का बिल्कुल ख्याल नहीं है यही वजह है कि कैप्टन ने डिपार्चर ब्रीफिंग भी कंप्लीट नहीं होने दी और अपनी पर्सनल बातों में लगे रहे जबकि एविएशन की बेसिक प्रैक्टिस है कि टेक ऑफ से पहले और लैंडिंग के दौरान पायलेट्स का पूरा ध्यान सिर्फ प्लेन की सेफ्टी की तरफ होना चाहिए बाकी उन्हें अगर कुछ पर्सनल बातें करनी है तो वह फ्लाइट के क्रूजिंग फेस के दौरान कर सकते हैं किसी रूट या प्लेन को लेकर आप चाहे कितने भी बड़े एक्सपर्ट क्यों ना हो आपको ब्रीफिंग हमेशा पूरे ध्यान से सुननी और कंप्लीट करनी चाहिए क्योंकि ब्रीफिंग आपको फोकस प्रोवाइड करने और क्रू रिसोर्स मैनेजमेंट को फैसिलिटेट करने में बहुत अहम रोल निभाती है एविएशन में टेक ऑफ से पहले इमरजेंसी ब्रीफिंग की जाती है जो सुरक्षा के नजरिए से बहुत जरूरी है इस ब्रीफिंग में उन सब ड्रिल्स के बारे में बताया जाता है जो किसी अनहोनी होने के दौरान फॉलो करनी है इससे हर एक क्रू मेंबर को उसका रोल क्लियर हो जाता है और उसकी मसल मेमोरी एक्टिवेट हो जाती है कि अगर कोई हादसा होता है तो ऐसी स्थिति में उसे क्या करना है इसके बाद इसी इमरजेंसी ब्रीफिंग की एक शॉर्ट फॉर्म टैक्सिंग के दौरान दोबारा दोहराई जाती है ताकि पहले अगर कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो वह दूर हो जाए और हर एक ड्रिल क्रू के दिमाग में अच्छे से बैठ जाए इस सबके अलावा एक खास तरह की इंजन फेलियर प्रोसीजर ब्रीफिंग भी होती है जिसमें इंजन फेल होने के केस में क्या-क्या कदम उठाने चाहिए इसके बारे में बताया जाता है हालांकि यह ब्रीफिंग हर एयरपोर्ट एयरलाइन या एयरक्राफ्ट के अकॉर्डिंग अलग-अलग होती है हैरानी की बात यह है कि इस फ्लाइट के अंदर इनमें से कोई भी ब्रीफिंग नहीं की गई है और इन पर ध्यान देने की जगह कैप्टन अभी भी कैब मैनेजर के साथ अपनी पर्सनल बातों में लगे हुए हैं अब 2:1 हुए हैं और प्लेन टैक्सिंग करते हुए रनवे 02 की होल्डिंग पॉइंट तक पहुंच चुका है यहां पहुंचते ही फर्स्ट ऑफिसर फिर से टावर को कॉल करके बताती है कि वह अब टेक ऑफ के लिए तैयार हैं टावर से इन्हें तुरंत ही टेक ऑफ करने का क्लीयरेंस मिल जाता है और फर्स्ट ऑफिसर प्लेन को रनवे पर लाइन अप कर देती है यह प्लेन अब उड़ान भरने के लिए बिल्कुल तैयार है और कॉकपिट में सारा सिस्टम नॉर्मल नजर आ रहा है लेकिन किसी को भी इस बात की भनक तक नहीं है कि प्लेन के लेफ्ट इंजन में एक बहुत बड़ी खराबी हो चुकी है इतनी बड़ी कि इस वक्त प्लेन में मौजूद हर एक इंसान की जान खतरे में में है दरअसल इंजन के अंदर कंबशन चेंबर्स के ठीक पीछे मौजूद हाई प्रेशर टरबाइन के प्लेट्स में छोटे-छोटे क्रैक्स बनना शुरू हो गए हैं और ऐसा होने की वजह थर्मल फटीक है बता दें कि हीटिंग और कूलिंग साइकिल्स के बार-बार दोहराने की वजह से मटेरियल धीरे-धीरे करके डिग्रेड होने लगता है और उसमें दरारें पड़ने लगती है इसी को थर्मल फटी कहा जाता है दिक्कत की की बात यह है कि यह क्रैक्स काले रंग की एक सॉलिड लेयर ढके हुए हैं और इसी के चलते प्रीफ्लाइट चेकिंग के दौरान किसी की भी नजर इन क्रैक्स पर नहीं पड़ी इंजन की इस खराबी से पूरी तरह अनजान दोनों पायलेट्स अब प्लेन को टेक ऑफ कराने की तैयारी में लगे हैं प्लेन के स्टेबलाइज्ड होते ही कैप्टन थ्रस्ट लीवर को आगे की तरफ पुश करके इसे फुल थ्रस्ट दे देते हैं इसी के साथ प्लेन रनवे पर आगे बढ़ना शुरू हो जाता है और फर्स्ट ऑफिसर कहती हैं फर्स्ट ऑफिसर कंट्रोल मेरे हाथ में है रनवे पर प्लेन की रफ्तार बढ़ती जाती है और कॉकपिट में सब कुछ नॉर्मल नजर आता है तभी कैप्टन फर्स्ट ऑफिसर को प्लेन की स्पीड बताते हुए कहते हैं कैप्टन व व रोटेट इतना सुनते ही फर्स्ट ऑफिसर प्लेन की योग को धीरे-धीरे लगभग 3 डिग्री पर सेकंड की स्पीड से पीछे की तरफ खी ना शुरू कर देती है इससे प्लेन की नोज ऊपर उठने लगती है और यह रनवे को छोड़कर हवा में टेक ऑफ कर जाता है इस वक्त प्लेन की रफ्तार 160 नॉट्स है और टेक ऑफ किए हुए इसे सिर्फ 5 सेकंड हुए हैं इसी बीच फर्स्ट ऑफिसर कैप्टन से लैंडिंग गियर ही सेकंड प्लेन के लेफ्ट इंजन में हाई प्रेशर टरबाइन के कई [संगीत] ब्लेडसिस्टम टरबाइन के पिघलना शुरू हो जाता है इन सिंपल वर्ड्स यह फ्लाइट इस वक्त बहुत बड़ी मुसीबत में आ चुकी है और मुसीबत ऐसी चीज है जो सिर्फ प्लेन में नहीं बल्कि आपके घर पर भी आ सकती है इसलिए मैं अपने सब्सक्राइबर्स को घर की सुरक्षा के लिए हमेशा d3d सिक्योरिटी सिस्टम इस्तेमाल करने की सलाह देता हूं यह आधुनिक टेक्नोलॉजी से बना एक ऐसा एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम है जो सेंसर्स इंफ्रारेड रेस और सिकटी कैमरा की हेल्प से आपके घर के लिए एक अटूट सुरक्षा चक्र बनाता है d3d सिक्योरिटी सिस्टम आपकी हिफाजत के लिए 2400 घंटे तैनात रहता है और इसकी निगरानी में आपकी मर्जी के बिना कोई आपके घर में घुसने की सोच भी नहीं सकता यह सिक्योरिटी सिस्टम बड़ी ही आसानी से सिर्फ 10 मिनट के अंदर आपके घर में इंस्टॉल हो जाता है और आपको देता है ऐसी सुकून की नींद जो आपने पहले कभी नहीं ली डिस्क्रिप्शन में मैंने लिंक के साथ ही स्पेशल कूपन कोड दिया है जिससे आपको एक्सक्लूसिव डिस्काउंट मिल जाएगा मेरी सलाह मानकर थडी सिक्योरिटी सिस्टम को एक बार जरूर ट्राई करें खैर चलिए अब वापस आते हैं अपनी स्टोरी पर तो टेक ऑफ करते ही इंजन के इस तरह अचानक फेल हो जाने से पायलेट्स को बहुत बड़ा झटका लगता है लेकिन चीजें अभी इतनी भी हाथ से नहीं निकली कि पूरी उम्मीद ही छोड़ दी जाए क्योंकि लेफ्ट इंजन फेल जरूर हुआ है लेकिन इसमें कोई आग नहीं लगी और साथ ही राइट साइड वाला इंजन अभी भी प्लेन को पूरा थ्रस्ट प्रोवाइड कर रहा है यह एक ऐसा सिनेरियो है जिसे हैंडल करने के लिए दुनिया के सभी पायलेट्स को हर 6 महीने में एक बार जरूर ट्रेन किया जाता है और अगर बिना पैनिक किए रूल्स को फॉलो करते हुए समझदारी से काम लिया जाए तो इस सिचुएशन से निकलना इतना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है लेकिन इस फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले कैप्टन और बाकी क्रू मेंबर्स ने जो लापरवाही यां की थी उनका असर अब दिखना शुरू हो जाता है इंजन के फेल होते ही एयरक्राफ्ट अचानक से लेफ्ट की तरफ झुकने लगता है इसे सीधा करने के लिए फर्स्ट ऑफिसर तुरंत राइट साइड वाले रूड को पुश करती हैं और इससे प्लेन काफी हद तक सीधा हो जाता है प्लेन के लैंडिंग गियर्स अभी भी बाहर निकले हुए हैं जिनकी वजह से इस कंडीशन में प्लेन को बैलेंस रख पाना मुश्किल हो रहा है हालांकि फर्स्ट ऑफिसर ने कैप्टन से लैंडिंग गियर अंदर करने के लिए कहा था पर शायद इंजन में हुए धमाके की आवाज से कैप्टन इतना सहम गए कि उन्हें यह करना याद ही नहीं रहा फर्स्ट ऑफिसर इस समय प्लेन को किसी भी तरह संभालने के लिए स्ट्रगल कर रही है घबराहट में इनके मुंह से निकलता है फर्स्ट ऑफिसर यह आखिर क्या हो रहा है जबकि इस कंडीशन में पायलट को घबराने की जगह एक बहुत ही स्पेसिफिक प्रोसीजर फॉलो करने की जरूरत होती है जब तक प्लेन कम से कम 400 फीट के एल्टीट्यूड पर ना पहुंच जाए पायलट फ्लाइंग का पूरा फोकस प्लेन को उड़ाने पर और पायलट मॉनिटरिंग का ध्यान सिर्फ उसकी मदद करने पर होना चाहिए एक प्लेन जब 400 फीट के एल्टीट्यूड पर पहुंचकर थोड़ा स्थिर हो जाए तब इन्हें इसमें आई खराबी को समझने पर ध्यान देना चाहिए यहां पायलट मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी बनती है कि वह मेमोरी आइटम्स को चेक करें और अपने पार्टनर से डिस्कस करके रिक्वायर्ड एक्शन लें जैसे कि इस तरह के केस में इंजन स्टार्ट लीवर को कट ऑफ कर देना चाहिए ताकि इसमें फ्यूल की सप्लाई रुक जाए और इंजन में आग ना लगे पर दुर्भाग्य से फ्लाइट 6289 के पायलेट्स द्वारा इनमें से कोई भी काम नहीं किया गया बल्कि इसकी जगह कैप्टन प्लेन का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं और इसे 18 डिग्री के एंगल से ऊपर ले जाना जारी रखते हैं जो एक बहुत खराब फैसला है अब आप में से काफी लोगों को लग रहा होगा कि कैप्टन ने कंट्रोल अपने हाथ में लेकर बिल्कुल सही किया क्योंकि वह ज्यादा सीनियर हैं और सिचुएशन को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं पर असल में ऐसा नहीं है और इसके पीछे दो रीजंस हैं पहला रीजन यह है कि इस फ्लाइट की सारी प्रिप फर्स्ट ऑफिसर ने की थी जबकि कैप्टन कैबिनेट के साथ बातें करने में बिजी थे इसलिए इस प्लेन को फर्स्ट ऑफिसर कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से उड़ा सकती है इस सिचुएशन में सबसे बेहतर यही होता है कि जो पायलट शुरुआत से प्लेन को फ्लाई कर रहा है कंट्रोल उसी के हाथों में रहे और जो भी इमरजेंसी प्रोसीजर है उसको फॉलो किया जाए लेकिन यहां पर यह कैप्टन इन सब अहम चीजों को एक बार में सोच ही नहीं पाते असल में कैप्टन ने टेक ऑफ से पहले इन सब प्रोसीजर्स की ब्रीफिंग को इग्नोर कर दिया था जिसकी वजह से इस समय यह प्लेन को संभालने के लिए मेंटली प्रिपेयर्ड नहीं है यह एक फुली लोडेड प्लेन को जिसका एक इंजन खराब हो चुका है और लैंडिंग गियर अभी भी बाहर है उसे एक नॉर्मल टेक ऑफ की तरह लगातार ऊपर ले जा रहे हैं जो सरासर गलत अप्रोच है आखिरकार 300 फीट स्ट के एल्टीट्यूड पर जाकर वही होता है जिसका डर हम सबको है प्लेन अचानक बहुत तेजी से अपनी रफ्तार खोने लगता है यह देख कैप्टन पूरी तरह घबरा जाते हैं और घबराहट में चिल्लाते हुए फर्स्ट ऑफिसर से कहते हैं कैप्टन प्लेन का कंट्रोल मुझे दे दो मुझे इसे कंट्रोल करने दो जबकि फर्स्ट ऑफिसर पहले ही उन्हें प्लेन का कंट्रोल सौंप चुकी होती हैं और यही वह जवाब में भी कहती हैं फर्स्ट ऑफिसर मैंने कंट्रोल आपको ही दिया हुआ है इसके साथ ही फर्स्ट ऑफिसर एक बार फिर कैप्टन से पूछती हैं फर्स्ट ऑफिसर क्या मैं लैंडिंग गियर [संगीत] रिट्रैक्ट्स की प्रॉब्लम समझने में इतना खो गए हैं कि उन्हें फर्स्ट ऑफिसर की आवाज भी नहीं सुनाई दे रही और ना ही वह इस चीज को समझ पा रहे हैं कि प्लेन की नोज इस वक्त जरूरत से ज्यादा ऊपर है इस तरह की कंडीशन में प्लेन का पिचिंग एल्टीट्यूड 12 डिग्री होना चाहिए लेकिन कैप्टन इसे 18 डिग्री के एंगल से ऊपर ले जाना जारी रखते हैं इसकी वजह से यह प्लेन स्टॉल पोजीशन में आने की तरफ बढ़ने लगता है कुछ समझ ना आने पर फर्स्ट ऑफिसर तुरंत ही अपना हैंड माइक उठाकर एटीसी को कांटेक्ट करके उनसे कहती है फर्स्ट ऑफिसर हमारे प्लेन में एक छोटी सी प्रॉब्लम हो गई है उनके इतना कहते ही कॉकपिट में स्टिक शेकर एक्टिवेट हो जाता है जो प्लेन के स्टॉल करने का एक बहुत बड़ा साइन है इंजन फेल हुए 12 सेकंड बीत चुके हैं और प्लेन इस वक्त 390 फीट के एल्टीट्यूड पर स्टॉल कर रहा है कॉकपिट में तेज झनझनाहट से हर एक इंस्ट्रूमेंट बुरी तरह हिल रहा है और पीछे पैसेंजर्स को भी अंदाजा हो चुका है कि उनकी जान खतरे में है इतना सब कुछ होने के बाद भी कैप्टन को यह समझ नहीं आ रहा कि उन्हें प्लेन की नोज नीचे करने की जरूरत है बल्कि इसकी जगह यह इसी सेम एंगल से प्लेन को आगे बढ़ाना जारी रखे हुए हैं आखिरकार प्लेन स्टॉल करते हुए हवा में एकदम सीधा हो जाता है और अगले ही सेकंड राइट विंग झुकने के साथ यह बेहद तेज रफ्तार से जमीन की तरफ गिरने लगता है एयरपोर्ट पर टावर में मौजूद कंट्रोलर यह सब अपनी आंखों से देख रहा है और इसे यह समझने में देर नहीं लगती कि फ्लाइट 6289 एक बहुत बड़ी मुसीबत में है इसलिए कंट्रोलर तुरंत ही एक्सीडेंट अलार्म को बजा देता है जिसे सुनकर फायर फाइटर्स फौरन प्लेन की तरफ दौड़ पड़ते हैं इधर कॉकपिट में जबरदस्त वाइब्रेशन होने के साथ-साथ डोंट सिं की सिक्योरिटी वार्निंग भी बजना शुरू हो जाती है और इससे पहले की कैप या फर्स्ट ऑफिसर कुछ कर पाए दोपहर के 2:5 18 सेकंड पर यह प्लेन रनवे 02 के सिरे के पास बुरी तरह क्रैश हो जाता है सबसे पहले इसका पिछला हिस्सा और राइट विंग जमीन से टकराता है और अगले ही पल इसके अंदर मौजूद फील की वजह से इसमें आग लग जाती है आग का गोला बना हुआ यह प्लेन एयरपोर्ट की बाउंड्री से निकलकर एक सड़क को पार करके उसकी दूसरी तरफ जाकर रुकता है इस हादसे में प्लेन के परखच्चे उड़ जाते हैं और फायर फाइटर्स के पहुंचने तक यह जलकर खाक हो चुका होता है [संगीत] [प्रशंसा] प्लेन में मौजूद 103 लोगों में से 102 की मौत मौके पर ही हो जाती है यानी इस हादसे में सिर्फ एक इंसान जिंदा बच पाता है जिसका नाम है यूसुफ जलाली यह वही अल्जीरियन सोल्जर है जो प्लेन की सबसे लास्ट रो में बिना सीट बेल्ट लगाए बैठा था असल में प्लेन जब जमीन से टकराया तो सीट बेल्ट ना लगी होने की वजह से यह झटका खाकर प्लेन से बाहर निकल गया और इसकी जान बच गई हालांकि इसे बहुत गंभीर चोट आई और यह कई दिन कोमा में भी रहा था इस सोल्जर के अलावा वह तीन लोग भी बहुत भाग्यशाली रहे जो डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी होने की वजह से इस फ्लाइट में नहीं चढ़ पाए थे इस हादसे की खबर ने पूरी दुनिया को झंझर कर रख दिया था क्योंकि यह अल्जीरिया में हुआ अब तक का सबसे डेडलिएस्ट एविएशन डिजास्टर था आखिरकार इस घटना की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई और रिपोर्ट में यही बात सामने आई कि स् क्रैश के होने की वजह इंजन का फेल होना कैप्टन की लापरवाही और प्रॉब्लम्स को समझकर उसे सॉल्व करने के लिए सही कदम ना उठा पाना रहा इस हादसे को हुए 21 साल बीत चुके हैं लेकिन अल्जीरियन लोगों के जहन में इसकी खौफनाक तस्वीरें आज भी ताजा हैं ब