400 से जायद घरों का एक बल्क मीटर लगा है यूनिट कम हो या ज्यादा सारफ फी यूनिट ₹1 55 का खरीद रहे हैं लाइन लॉसेस भी अदा करते हैं यह सब कराची के किस इलाके में हो रहा है और क्यों हो रहा है इस बारे में मजीद बताएंगे नुमाइंदा हैं हम इस वक्त मौजूद हैं गुलिस्तान जौहर के करीब एक निजी सोसाइटी में जहां कोई भी प्रोटेक्टेड कस्टमर नहीं है किसी के 20 यूनिट हो या फिर 200 यूनिट हो जो यहां का बिल्डर है उसकी मर्जी है कि वह लोगों को 50 फी यूनिट के हिसाब से चार्ज करता है या फिर इससे भी ज्यादा जो रिहायशी है सोसाइटी के उनसे बात करते हैं पीडीएफ फाइल पे केई बिल भेज देती है बिल्डर को उसमें लम समम अमाउंट होता है और लम समम यूनिट होते हैं उसको वो फिर तमाम रिहाइश पर डिवाइड किया जाता है मलीर कैंटोन के एरिया में आती है और जो है यहां पर केडीए की लीज है बिल जो है अगर वह 1 लाख यूनिट जो है वो अगर उसमें यूटिलाइज हुए हुए हैं तो उसमें 40000 जो है वो प्रॉपर यूनिट है और 60000 यूनिट का जो है लाइन लॉसेस है बिल्डर का तकाजा यह है कि ये लाइन लॉसेस जो है वो यहां के एलाटीज की वजह से है इसलिए वो ये पैसा भरेंगे लाइन लॉसेस जो है वो तकरीबन छछ 8 हजार जो है वो एक घर से जो है वो लिए जाते हैं बिल्डर से हमने राबता किया तो उन्होंने यह मौक दिया कि 1 करोड़ 25 लाख लाख इसका बिल चढ़ गया था जो बिल्डर के मुताबिक वह अदा कर रहा है ताहम के इलेक्ट्रिक से जब इस बारे में बात की गई तो के इलेक्ट्रिक ने यह तो तरा किया कि एक बल्क मीटर लगा हुआ है इस पूरी सोसाइटी के यूनिट उसी एक बल्क मीटर पर आते हैं ताहम के इलेक्ट्रिक ने इस बात से इंकार किया कि जो लाइन लॉसेस हैं जो असल मसला है यहां के लोगों का के इलेक्ट्रिक के मुताबिक जितने लाइन लॉसेस हैं के इलेक्ट्रिक वो रकम वसूल नहीं कर रही