America Presidential Elections 2024 | Kamala Harris VS Donald Trump | News Punch | 11 September 2024

[संगीत] सब्सक्राइब करें और बेल दबाएं ताकि कोई खबर रह ना [संगीत] जाए अस्सलाम वालेकुम नाजरीन आप देख रहे हैं न्यूज़ पंच मैं हूं आमना कटाना आज हम बात करेंगे उस मुल्क की जिसके मामलात का असर पाकिस्तान पर जरूर पड़ता है रवा साल 5 नवंबर को अमेरिका में सदारत इंतखाब होने जा रहे हैं गुजर्ता रोज इसी सिलसिले में हमने देखा कि प्रेसिडेंशियल जो वहां पे कैंडिडेट्स हैं डोनाल्ड ट्रंप और कैमला हारिस के दरमियान पहला मुबा सला हुआ जिसमें दोनों उम्मीदवारों ने एक दूसरे पर इल्जा मात की बो छाड़ कर दी ट्रंप ने कहा कि अगर कैमला हैरिस सदर बनी तो इजराइल तबाह हो जाएगा अगर मैं इक्त दार में होता तो हमास और इजराइल जंग की नौबत ही ना आती केमला हैरिस बोली अगर ट्रंप सदर बने तो अमेरिका तबाह हो जाएगा अब यहां नाजरीन की मालूमात के लिए बताते चलें कि भारतीय नायाद कैमला हैरिस अमेरिका की पहली गैर सफेद फार्म खातून है जि ने सदारत मुकाबले के लिए नामजद किया गया डेमोक्रेटिक पार्टी से इससे पहले हिलरी क्लिंटन को मैदान में उतार चुकी है और उनका मुकाबला भी डोनाल्ड ट्रंप से हुआ था लेकिन वह हार गई थी डेमोक्रेटिक पार्टी को यह क्रेडिट भी जाता है कि इसी पार्टी से अमेरिका की तारीख के पहले से आफ आम सदर बराक ओबामा भी मुंतखाब हुए थे माज पर नजर दौड़ाई जाए तो अमेरिकन मुस्लिम्स का जो झुकाव है व डेमोक्रेट्स की तरफ रहा है लेकिन इजराइल गजा जंग के बाद अब डेमोक्रेटिक पार्टी का वोट बैंक भी कुछ कम होता हुआ दिखाई दे रहा है अपने तसिया का से जानने की कोशिश करते हैं कि यहां पर ये जो हम देख रहे हैं प्रेसिडेंशियल इलेक्शन जो होने जा रहे हैं खास तौर पर जो कल की डिबेट हुई वो उसको किस तरह से देख रहे हैं और किसका पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है डिस्कशन का आगाज करते हैं मैं मेहमानों का तारुफ करवा देती हूं आज पैनलिस्ट प हमारे साथ शहजादा जुल्फिकार हैं जाहिर शाह शिराजी हैं एहतेशाम उल हक साहब हक साहब हैं और उनके साथ-साथ हमें स्पेशली जॉइन किया इफ्तेखार शिराजी साहब ने आप तमाम का बेहद शुक्रिया आगाज करते हैं अ आपकी तरफ आते हैं जुल्फिकार साहब सबसे पहले यह जो अभी कल डिबेट हुई है इसमें कहा यह जा रहा है कि सरप्राइजिंगली और बड़ी ही अच्छे तरीके से कमला हैरिस साहिबा ने परफॉर्म किया खास तौर पर जब हम देखते रहे कि मामला ट्रंप साहब की जानिब आते रहे जो कि बड़े पहले देखा कि उन्होंने जिस तरह से कैंपेन चलाई थी उसम जो उनका कॉन्फिडेंस था वह कल वाले डिबेट में हमें दिखाई नहीं दिया किस तरह से देख रहे हैं मामलात को थैंक यू जी अगर मैंने र पूरा तो व मैंने इनकी नहीं देखी स्पीच लेकिन कुछ मैंने देखा उसमें कामला जो है वह वाकई आप ठीक कहती है काफी कॉन्फिडेंस के साथ और जिस तरीके से हमारे जनों में था लोगों की पूरी दुनिया में लोगों के जनों में था खासकर जो दूर के मुमा कले या जो डेवलपिंग कंट्रीज है उनके जहन में था कि यह खातून बहुत ही मुश्किल है मुकाबला भी कर सके जो बाइड के बाद विड्रॉल के बाद तो बिल्कुल मोराल एक दफा गिर गया था और डेमोक्रेट का और इस तरह था कि शायद बस वो गुजारा ही कर जाए लेकिन यह पहले पहला जो डिबेट था उस डिबेट में वाकई उन्होंने हमले ठीक ठाक किए और ऐसा लगा के पहले भी होते रहे हैं लेकिन पहले शायद इतना हार्श तबादला ख्याल जो है वो नहीं होते रहे जिस तरह एक दूसरे को उन्होंने कहा कि यह आएगा तो वो अमेरिका तबाह हो जाएगा और अगर यह आ गई तो वो इसराइल के यह जो है दुश्मन है यह फेवर नहीं करती यह उसकी उस तरफ वो नहीं है लेकिन कामला ने काफी इसको डिफेंड भी किया और बताया भी कि मेरे पास माशी प्लान भी है जो अमेरिक इस वक्त परेशान है और खासकर इस वक्त अमेरिका की जो रोल है व आने वाले दिनों में इलेक्शन के बाद बहुत नुमाया हो जो बाइड बावजूद इसके कहते रहे कहते रहे लेकिन जितना वह करते हैं कि जूज लाबी को जाहिर है वह भी नाराज नहीं करते हैं उन्होंने भी बहुत कोशिश की और यही कहते रहे कि जंग बंद करें सीज फायर सीज फायर सीज फायर कुछ नहीं हुआ लेकिन अब जब एक साल पूरा हो जाएगा और गालिब इलेक्शन जो है और कुछ अरसे में हो जाए और उसके बाद फिर इन्होंने जिस तरह से टैकल करना है और खासकर दो इशू बहुत इंपॉर्टेंट है एक यूक्रेन का इशू और एक य इजराइल और इनका हमास और फलस्तीन आप कहले उनका इशू है सही जो सबसे इंटरेस्टिंग बात थी वो उन्होंने आखिर में जो लोगों ने काफी उससे मजूज हुए उन्होंने कहा बूटन एक डिक्टेटर है वो तुम्ह लंच में खा जाएगा या तुम्हारी कोई औकात नहीं है वो जो है बड़ा वो है तुम क्या उसको टैक कर लेकिन उसमें थोड़ा सा डोनाल्ड ट्रंप जो है वो बड़के वड़के उसने काफी मारी के ये हम कर देंगे वह कर देंगे इस तरह कर देंगे अब बड़ा इंटरेस्टिंग यह है कि जितने आगे डिबेट होंगे उसमें पता चलेगा कि किस तरह पब्लिक का क्या रिस्पांस आता है अभी तक तो जो मैं पढ़ रहा था तो यह लोगों का ये ख्याल है जो मुब सरीन है उनका ख्याल है कामला भारी रही उस सबका सबका उस काफी उसके रहा और आगे चलकर अगर डोनाल्ड इसने ट्रंप ने अगर ट्रंप ने अपने वो बेहतर नहीं किया अपने उस अंदाज को और उन इश्यूज पर बात नहीं की तो फिर शायद यह समझे कि वो रिड होता जाएगा और पीछे चलता जाएगा और कामला उसको सरपास कर लेगी आगे ठीक है बिल्कुल सही है इफत साहब बिल्कुल जिस तरह से कामला ने बड़ा स्मार्टली प्ले किया डिफेंसिव दिखाई दिए कल हमें जो अमरीकी सदर हैं आज इस मामले में और ये कहा जा रहा है कि इस डिबेट के दौरान जो ऑनलाइन प्रेडिक्शन मार्केट है उसके भी साथ-साथ जो फैक्ट सामने आ रहे हैं वो भी सामने रख लेते हैं डिक्लाइंग हुई उनकी विक्ट्री 47 पर पर आ गई 52 से ट्रंप साहिब की और जो कैमला हारिस हैं उनकी 53 पर से 55 ऊपर की जानिब हमने देखा कि फिगर गया तो इसका कितना इंपैक्ट पड़ता है इस तरह की जो डिबेट्स हैं रिजल्ट्स जो आउटकम है वो हम कह सकते हैं कि कहीं ना कहीं उसको यह शो कर रहे होते हैं उसकी अकासी कर रहे होते हैं नहीं इसमें तो कोई नहीं बिल्कुल इसमें कोई शक नहीं है किय जो एक तरह से जो रिजल्ट्स है ये पब्लिक ओपिनियन को बड़ा इन्फ्लुएंस करते हैं और इस डिबेट का बुनियादी मकसद ही यही होता है कि लोगों को एक मौका फराम किया जाए कि जो प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट्स हैं उनका एजेंडा क्या है उनका विजन क्या है वो अमेरिका के जो अंदरूनी और बैरून मसाइल से मुतालिक जो राय है उनकी राय कितनी लॉजिकल है तो मेरे ख्याल में यही वजह है कि जो इस तरह की डिबेट है उनका एहतमाम किया जाता है और कल पहली डिबेट थी आपको पता है पेंसिल्वेनिया में और बड़ी तैयारी के साथ कैमला हैरेस आई थी और मेरा ख्याल में उनको पता था कि जिस तरह अंदाज तकल रहा है डोनाल्ड ट्रंप साहब का गोया कि वो अग्रेसिव अप्रोच के साथ हेडन होते हैं तो उन्होंने उनको को पहले ही एक तरह से बैकफुट पर डाला है और जो वो समझते थे ट्रंप साहब के वीक पॉइंट्स हैं एक तरह से डेमोक्रेट्स के बिलखु सूस जो एक्सटर्नल फैक्टर्स हैं जिसमें फलस्तीन का इशू है या फिर यूक्रेन की वार है या जो अफगानिस्तान से विड्रॉल था तो गोया कि हर मामले पे कैमला हैरेस ने कोई अपोलो जेटिक या इस तरह का कोई पोजीशन नहीं ली बल्कि एक बड़े लॉजिकल वे में इन सारी चीजों को एक्सप्लेन किया है तो मेरा ख्याल में जो समझ रहे थे ट्रंप साहब के जो डेमोक्रेट्स के वीक पॉइंट्स उनको एक्सप्लोइट करेंगे और शायद इस कयादत को एक्सपोज करने की कोशिश करेंगे तो मेरा ख्याल में उसमें व कामयाब नहीं हो पाए और फिर जाहिरी सी बात है यह अमरकी तारीख प पहली बार हुआ कि जो रनिंग प्रेसिडेंट है उनको एक तरह से उस रेस से बाहर किया गया बाइड साहब को और नायब सदा कैमला हैरिस को लाया गया तो मेरा ख्याल में वहां की डेमोक्रेट्स की कयादत भीय समझ रही थी और वहां की एस्टेब्लिशमेंट भी समझ रही थी कि ट्रंप साहब के मुकाबले में एक कोई स्ट्रांग कैंडिडेट आएगा जिसकी बहरहाल पब्लिक में फॉलोइंग होगी बहरहाल तो वो उसमें लगता है कि अब काफी हद तक कामयाबी हुई है और आपको मालूम है कि कैमला हैरिस का बैकग्राउंड भी वो लायर हैं गोया कि ऑरेटर तो बहुत अच्छी हैं और साथ में एक भरपूर तैयारी के साथ आप आए उन और उन एरियाज को एड्रेस करें कि जहां पे एक इंप्रेशन जा रहा था कि शायद वो इमीग्रेंट का इशू भी है जिसमें अ सात हमल के मामलात बाकी इस तरह के के ये वो एरियाज है कि जिनको लेके ट्रंप साहब हमेशा तन कीद करते रहे तो उन परे उन्होंने एक बड़ी कैंडिडेट पोजीशन ली है और बड़ी एक वो कह सकते हैं ना कि उन परे उन्होंने एक अपना ऐसा नहीं किया कि कोई पहलू तजी से काम लिया तो मेरा ख्याल में इसको बड़ा एप्रिशिया जा रहा है फिर यह है कि अमरकी तारीख में दूसरी बार खातून प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट आई है तो उससे पहले भी हमने देखा कि री क्लिंटन साहिबा अगरचे उन्होंने पॉपुलर वोट्स ज्यादा लिया था लेकिन इलेक्शन वो हार गई थी तो मेरे ख्याल में अब अमेरिकी आवाम भी समझते हैं कि इस मित को भी थोड़ा जाए कि वहां पे खातून प्रेसिडेंट अगर आ सकती है तो उसको लाया जाए तो अभी तक तो शुरुआत मुझे लगता है कि बड़ी अच्छी है कैमला रस की ठीक है तेशाम साहब अभी तो ये पहला राउंड है डिबेट का अभी इस हवाले से कहा जा रहा है कि मजीद राउंड भी मुत वके हैं इस पहले राउंड की एक तो हाईलाइट जिन पे आप तजिया करना चाह रहे हैं दूसरी चीज ये अगेन कि ट्रंप साहब कल ऐसा दिखाई दिया कि वो मुकम्मल तौर पे डी ट्रैक हो गए जहां उन्होंने प्रोसीक करना था अपने ोने के केस को वो खुद ही डिफेंसिव पोजीशन में हमें दिखाई दिए उसकी रीजन आप क्या समझते हैं देखिए हमना बड़े अरसे से इस डिबेट का इंतजार था और आपको याद है कि जब एक पहली डिबेट हुई थी जो बाइड के साथ ट्रंप की तो बहुत ही डिजास्टर्स जिसको कहना चाहिए साबित हुई थी बाइड के लिए क्योंकि बड़े दबाव के साथ उन्होंने टैकल किया था ट्रंप ने उनको उसके बाद बहुत ज्यादा क्रिम हुआ तो ही हैड टू स्टेप डाउन उसके बाद फिर कामला हरस जाहिर है नेचुरल कैंडिडेट तो यही बन रही थी लेकिन आपने देखा कि इसके बाद बहुत ज्यादा डेमोक्रेट पार्टी में इस हवाले से बहस शुरू हो गई कि जो कैमला हैरिस जो है ना वो इतनी कॉन्फिडेंट नहीं है इतनी स्ट्रांग नहीं है इतनी सियासी बैकग्राउंड नहीं है बहुत बड़ा और ये तगड़ा आदमी होना चाहिए खैर इवेंचर मेंट मिलती गई और फिर आपने देखा क्लिंटन भी आ गई उनके साथ ओबामा भी आ गए और ले लेटेस्ट तो जिस तरह आप जो पॉक सिं है वो आई है स्विफ्ट आई है टेलर स्विफ्ट उसने तो बिल्कुल ही बाजी उलट के रख दी है तो यह सारी चीजें देखने के बाद लोगों का ख्याल था कि जी आज की यह जो डिबेट होगी जो कल रात को हुई है इसमें देखना पड़ेगा कि जी कैमला हरस कहां खड़ी है और प्रेजिडेंट ट्रंप कहां खड़े हैं देखिए एक दिन पहले तक 47 पर उनका था पॉपुलर का ग्राफ कैमला का और 48 पर था ट्रंप का अब आज जो मैं देख रहा था सीएनएन प बाकी जगहों में 69 पे वो पॉपुलर चली गई है कुछ जगहों पे तो उन्होंने कह दिया कि ये तो रेफरेंडम जो है ना वो हो गया उसके हक में वल स्ट्रीट जर्नल ने तो बड़ा वाज तौर पे कह दिया कि कामला आरस हैज वन द डिबेट इस तरह दो डिबेट्स और होंगी उसमें क्या होता है लेकिन फॉर द टाइम बीइंग आज तो मुझे लगा जाती तौर पर बहुत बड़ा सेट बैक मैंने डिबेट भी सारी सुनी है ऑलमोस्ट उनकी और जिस तरीके से तैयार होके आना चाहिए था मादत के साथ वो तैयार हो के नहीं आए वही उनकी लाइन रेटिक था कभी उनको मास्टर्स कहते थे इससे पहले उनको क कॉन्फिडेंट हो गए अपने मामलात को जिस तरह से उनकी हम देख रहे थे पहले जो कै कॉन्फिडेंट नहीं देखें ना जब आप इस तरह की जब आप तकरीर होती है डिबेट होती है तो तैयार होकर आना पड़ता है आगे पीछे आप देख ले वो तो इस हद तक जाती तौर पर आगे चले गए थे उनको कहते हैं कि तुम तो भांज औरत हो तुम्हारे तो बच्चे ही नहीं है तुम्हारी तो शादी एक अमेरिकन से हुई है है जिसकी बीवी पहली है उसके बच्चे हैं तुम्हारा तो बच्चा ही कोई नहीं इस हद तक गिरी बातें की उन्होंने और फिर उनको कहते हैं कि तुम तो इंडियन हो और तुम तो अब अपने आप को अफ्रीकन अमेरिकन कहती हो तुम कहां से हो तुम्हारी मां जो है वो तमिलनाडु की है बाप तुम्हारा जमका का कैसे अफ्रीकन अपना अमेरिकन हो सकती हो लेकिन मेरा ख्याल है कि जिस तरीके से कामला हरस ने मेहनत करके यहां तक आई मेरा ख्याल है एक तो कॉन्फिडेंस उनका बहुत ज्यादा था एक रेटिक मैंने देखा दूसरी तरफ इनकी तरफ से बहुत ज्यादा था और जो तीन टॉपिक चुने गए थे उनमें आप देख ले जिस तरह अभी बात हुई है बशन पर बात थी इमीग्रेशन थी इंफ्लेशन था और फॉर्न पॉलिसी बात हुई वहां आपने देखा कि वही जो पुरानी बातें दोराई जाती थी वो दोराई उन्होंने और एक बात बस जरा तगड़े अंदाज में उन्होंने कही कि जो अब तुम कह रही हो कि मैं ये कुछ करूंगी तो साढ़े तीन सालों में क्यों नहीं किया तो मेरा ख्याल है बहुत से ह वालों से तो अब लोग इसको इस तरह देख रहे हैं कि जी जिस अंदाज से प्रेजिडेंट ट्रंप ने अपने लिए मुसीबतें पैदा की एक तो आमना जो मेरी नजर में सबसे बड़ा सेट बैक है वो बशन के इशू पे है आपको याद है रिू एंड वेट ये जो सुप्रीम कोर्ट के जजस का एक फैसला था जिन्होंने इन्हीं के जमाने में टन डाउन कर दिया था कि अबॉर्शन जो है इल्लीगल है अभी इनको इन्होंने सपोर्ट करना शुरू कर दिया क्योंकि मेजॉरिटी खवातीन की जो है ना वो खिलाफ हो गई थीन अपना ट्रंप के तो उन्हें अपना स्टैंड चेंज करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने कहा बल्कि उन्होने कहा कि तुम आते ही पहला काम करोगे भाषण बिल पर साइन करोगे उन्होंने कहा नहीं मैं नहीं साइन करूंगा तो एक ये सेट बैक है दूसरा जो उन्होंने एक बहुत बड़ी गलत बयानी की जिसको बाद में बहुत लोगों ने उन्होंने ये कहा कि जी वो जो टी के इमीग्रेंट हैं वो कुत्ते बिल्लियां खा रहे हैं व आय में उसको उन्होंने मॉडरेटर जो दोनों थे उन्होंने कहा जी गलत है आपका क्लेम ठीक नहीं है इंपॉर्टेंट बात सबसे ज्यादा है कि आप देखें 283 मिलियन फॉलोअर हैं instagram2 करोड़ लोग बनते हैं और दूसरी तरफ जो आबादी है अमरिका की 357 करोड़ है ठीक है ना अब ये 25 करोड़ में से भी चार पाच करोड़ भी चले जाते हैं सपोर्ट करने कामला आरस को तो मेरा ख्याल है उनका तो मामला जीतने का हो गया आखरी बात यह है कि पाकिस्तान के हवाले से क्या इंपोर्टेंट है कौन जीतेगा देखें डेमोक्रेट ट्रेडीशनली पाकिस्तान के खिलाफ रहे हैं रिपब्लिकन पाकिस्तान के जग में रहे हैं और आपने देखा ट्रंप जो भी है वो कह चुके हैं मैं कश्मीर प सालसी कराऊंगा और इस हवाले से मोदी साहब दरमियान से भाग गए थे अब देखना ये है कि पॉलिसी चेंज होगी य क्रेन हो मिडिल ईस्ट हो लेकिन मुझे आज की इस बहस के बाद लगता है कि ट्रंप के चांसेस जीतने के अब कम है बिल्कुल शाह साहब एक तो इसी चीज को आगे लेकर मैं चाहूंगी कि चले हम कि पाकिस्तान पर इसके क्या असरात हो सकते हैं अगर इन दोनों में से कोई कैंडिडेट आता है दोनों अलग-अलग करके तजिया कीजिएगा दूसरा इस वक्त जो इजराइल गजा सूरते हाल है इस पर पॉलिसी किस कैंडिडेट ने किस तरीके से सेटिस्फाई किया आपके समझते किसकी पॉलिसी बेहतर थी इस डिबेट में अगर देखा जाए देखि इंपोर्टेंट पहले तो मैं इस डिबेट को जो थोड़ा बहुत मेरी नजर से गुजरी पांच बड़े इंपोर्टेंट चीजें है जिसके ऊपर चलिए जी जी पर्सनल टोटिंग भी रही और इसमें जो इंपॉर्टेंट मेरा ख्याल है अमेरिकन जो थिंक टैंक्स है वो यही समझ रहे हैं कि शायद कमला हारिस जो है वो कामयाब रही बाइड को जरा बैकफुट प भिजवाने की और एक लिहाज से उन्होंने सॉरी ट्रंप को और एक हद तक उन्होंने जो एक तासुर था कि शायद ट्रंप उनको ओवर पावर करेंगे जिस तरीके से उन्होंने बाइड को थ्रो आउट किया तो उसमें जो इंपोर्टेंट चीज मुझे नजर आई और जो शायद अमेरिकन एनालिस्ट भी यही कह रहे हैं कि कामला ने कोशिश की बल्कि उन्होंने बैकफुट पे ट्रंप को भेजा और एक लिहाज से उन्होंने बाइड का बदला लिया तो ये एक जो अ मेरे ख्याल में अमेरिकन अ सोसाइटी के अंदर एक तासुर गया है जब वहां के उनके थिंक टैंक्स और एनालिस्ट कह रहे हैं एक तो पॉइंट य हुआ दूसरा जो इस डिबेट जो पहली डिबेट बड़ी इंपोर्टेंट थी देखिए परसेंटेजेस अप डाउन होते रहते हैं डिपेंड करता है कि हालात कैसे होते हैं लेकिन एक बात आप जरूर मान लीजिएगा और हम भी हमें भी मानना चाहिए कि जिस तरह पाकिस्तान की एस्टेब्लिशमेंट या दुनिया की कोई भी एस्टेब्लिश बड़ा मैटर करती है इलेक्शंस के ऊपर अमेरिका के अंदर भी जो है वह इंटरनेशनल जो एस्टेब्लिशमेंट है उसके भी अपने स्टेक्स हैं और मेरे ख्याल में ये बड़ा मैटर करेगी हम कब लस वक्त नहीं कह सकते कि जी कौन जीतेगा कौन हारेगा अ ट्रेंड बदलता रहेगा जब तक इलेक्शन है 47 से 43 आएगा 52 पे जाएगा यह दूसरा ऑप्शन हुआ तीसरा जो चार पांच चीजें हुई इसमें बड़ा इंपोर्टेंट जो मेरी नजर से है वो एक इमग्रेशन का इशू हुआ दूसरा आपके डिप्लोमेसी का जो प्रॉब्लम था उसके ऊपर भी बातचीत हुई यूक्रेन का इशू ओबवियसली और इंपोर्टेंट जो आपने बात की कि जो गजा और इसराइल की पॉलिसी देखिए अमेरिका की जो साबिक हुकूमत थी मेरे ख्याल में जिस तरीके से अमेरिकी आवाम उठे और बाइड जो है वो इस इलेक्शन से जो है वो दस्त बदार हुए उसमें आप बाकी चीजें मानते हैं या नहीं मानते लेकिन जो अमेरिकन पॉलिसी थी टुवर्ड्स गजा और जो गजा के अंदर जिस तरीके से इसराइली एट्रोसिटी को अमेरिकन हुकूमत ने सपोर्ट किया बाइड की और जिस तरीके से उनको वो फौजी इमदाद देते रहे साथ फाइनेंशियल इमदाद करते रहे बड़ा ओपनली जो है जाहिरी बात है तमाम दुनिया को पता है कि वो अ जो है वो सपोर्ट की उन्होंने तो ये एक सेटबैक होगा अगर बाइड अ की जो पॉलिसीज है उसको कामला जो है वो कंटिन्यू करने की बात करती रही दूसरा देखिए इमीग्रेशन के हवाले से उन्होंने क्रिटिसाइज किया मेरा ख्याल बड़ा इंपोर्टेंट इशू और ट्रंप कभी भी अपने उस कार्ड के ऊपर जो है वो बैक आउट नहीं होंगे और मेरे ख्याल में ये भी उनके लिए एक फायदा देगा तीसरा देखिए जो क्रिटिसिजम एक दूसरे पे हुआ कि यूक्रेन के हवाले से शायद जो है पहले भी इल्जाम आया था पिछले इलेक्शन में जब जब ट्रंप जीते के एक रशियन ओवरऑल जो है उनका इन्फ्लुएंस रहा और जिस तरीके से रिगिंग की गई इलेक्ट्रॉनिक पोलिंग के दौरान तो एक ये भी ट्रंप के जीतने को एक तासुर दिया जा रहा था तो वो यही कह रहे हैं कि शायद हो सकता है कि ट्रंप अगर इलेक्ट होते हैं तो वो डायरेक्टली जो है वो रशिया की झोली में जाएंगे और यूक्रेन को उठा के उधर कर देंगे तो यूक्रेन पॉलिसी बड़ी इंपोर्टेंट अमेरिका के लिए होगी अब देखिए ओवरऑल गजा मेरे ख्याल में एक डू एंड डाय सिचुएशन होगी दोनों रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के लिए इसम हमें जरूर बात इसलिए करनी चाहिए कि आप देखें तमाम दुनिया के अंदर जो एक मूवमेंट चली है आज जो सिवाय उस जुश और सेहनी लाभी के मेरे ख्याल में ओवरऑल जो जुश कम्युनिटी है उसने भी सपोर्ट किया फलस्तीनियन कास को और आप देख रहे हैं कि लोअर लेवल से लेके पॉलिसी मेकर्स लेवल तक लोग क्रिटिसाइज कर रहे हैं जो सेहनी पॉलिसीज थी और जो अमेरिकन सपोर्ट थी उनकी तो मैं ये समझता हूं कि इन द कमिंग टाइम देखना यह होगा कि इजराइल के अ हवाले से क्या पॉलिसीज है खास तौर प फलस्तीन के हवाले से क्या वाकई जो नया प्रेसिडेंट है वो कोई प्रायोरिटी दे रहा है क्योंकि सबसे बड़ा इशू बाकी मामलात के अंदर अमेरिकन के इमीग्रेशन के मामलात डिप्लोमेसी के मामला और जो तारख वतन के वो ये कि इजराइल वाले जो सिचुएशन बनी है इजराइल गजा वाली य मेरे हो हर कट लीने देखिए वो मेरे ख्याल में एक चीज आपको बताए कि ट्रंप की पॉलिसी अगर आप देखें तो एंटी वर नजर आती रही आप देखें अफगानिस्तान के अंदर भी उन्होंने जब फौजों की विड्रॉल की बात की यूक्रेन के अंदर भी मेरे ख्याल में उनकी पॉलिसी इतनी हॉस्टाइल्स के एग्रेसिवली अमेरिकन जो बाइड एडमिनिस्ट्रेशन वार को जो है वो प्रमोट करती रही और आपने देखा कि उनके टेनर के दरमियान तमाम दुनिया के अंदर अमेरिकन जो पॉलिसी है बड़ी अग्रेसिव रही लेकिन देखिए मेरे खल में ट्रंप का आखरी जो बात जैसे तिशाम साहब कह रहे थे पाकिस्तान के हवाले से बड़ा विजिबल है कि उस जमाने में जब ट्रंप की हुकूमत थी तो मेरे ख्याल में उन्होंने काफी प्रोटोकॉल दिया हमारे तीसरी जमात को जो कैदी 804 जिनको लीड करते हैं तो मेरे खल में अब पाकिस्तान के अंदर भी लोग यह देख रहे शायद ट्रंप की हुकूमत आएगी तो अमेरिकन पॉलिसी को देखते हुए शायद कोई बड़ी चेंज पाकिस्तान के अंदर भी एक्सपेक्टेड इसको भी देखेंगे पाकिस्तान के हवाले से ठीक हैका प एक्सपेक्टेशन नहीं मेरे खल में देखि य तो लोग काफी उम्मीद लगा के बैठे हैं कि जैसे ही अगर मैंने एक्सपेक्टेशन ऐसी है तो कुछ मामला य डिफरेंट हो क्योंकि जमात की जो सपोर्ट हैं उनको ऐसा लगता है कि वो आएंगे तो यहां पे मामला कुछ बदल सकते हैं ब्रेक लेते हैं ब्रेक के बाद पाकिस्तानी सियासत में इस वक्त क्या हो रहा है इस पर बात [संगीत] होगी उनकी सियासत की बात करते हैं जहां पर हम देख रहे हैं कि इस्ते काम की फिलहाल तो कोई राह दिखाई नहीं दे रही आज नेशनल असेंबली के इजलास में पार्लियामेंट से होने वाली गिरफ्तारियां पर बात करते हुए स्पीकर अया आतिक ने कहा कि पार्लियामेंट हाउस में जो वाकया हुआ है उस पर आईनी दारे में रहते हुए एक्शन लिया है यही नहीं स्पीकर ने अराकी को चार्टर ऑफ पार्लियामेंट की तजवीज भी दी और सवाल किया कि हमारी कयादत बैठे या ना बैठे क्या हम पार्लियामेंटेरियंस मिसा के पार्लियामेंट पर साइन नहीं कर सकते क्या हम पार्लियामेंट के तकद्दुस की खातिर इकट्ठे नहीं हो सकते दूसरी जानिब चेयरमैन पीपल्स पार्टी बिलावल भुट्टो ने भी आज कुछ बातें की पहले ईवान को और फिर मुल्क को फंक्शनल करना है आइन कानून की बातें बिलावल भुट्टो जरदारी साहब कर रहे हैं और उन्होंने यह भी बात की कि अब हुकूमत का काम यह रह गया कि आज किसको बंद कर रहे हैं अब जब हम देख रहे हैं किहा दद इस वक्त बिलावल भुट्टो भी हैं इसी हुकूमत के तो पीपल्स पार्टी ने इन सारी सिचुएशन में किस साइड पर खड़ी है एक तो यह सवाल अपनी जगह पर मौजूद है दूसरा ये जो इस वक्त स्पीकर की जानिब से एक सजेशन दी गई है चार्टर ऑफ पार्लियामेंट ये कितना काराम साबित हो सकता है यह क्या वर्क करेगा क्या इस पर सियासी जमात सोचें डिस्कशन का आगाज करते हैं एहतेशाम साहब देखिए अना बिलावल भुट्टो जरदारी की तकरीर वाकई बहुत अच्छी थी और कई हवाल से तो पीपल्स पार्टी के ेंशियल बहुत स्ट्रांग है मसलन सियासी कैदियों के हवाले से और सियासी लीडरों को जेलों प डालने के हवाले से आज आप देख ल बड़े खूबसूरत तरीके से गवर्नमेंट में रहते हुए हुकूमत की चुटकी ली उन्होंने कि भाई ये आपका क्या तरीका है वारदात है कि गिरफ्तारियां करें और इस तरह पकड़े और खास तौर पर पार्लियामेंट से ये इस तरह नहीं होना चाहिए पार्लियामेंट पे हमला करार दिया गया एक किस्म का बहुत सारे लोगों ने इसका बुरा भी बनाया लेकिन आमना एट द एंड ऑफ द डे वो कहते हैं ऑल इज वेल दैट एंड्स वेल और जिस अंदाज से आज बाय पार्टिजन अप्रोच देखने में मिली एक मुद्दत के बाद कौमी असेंबली का माहौल लगा वाकई सीरियस है कि आवाम के मसाइल क्या है आईन कानून साजी हमने करनी है बजाय इसके कि अशन काउंटर एकशन गालियां आज हम नहीं देखी अच्छी बात है कि पहले जाकर स्पीकर साहब के पास बैठे वहां कोई एसओ पी त डेफिनेटली होंगी उसके बाद एक दूसरे को बड़े आराम से लोगों ने सुना यही मेरा ख्याल है आप भी चाहती है मैं भी चाहती है मैं भी चाहता हूं सारे लोग यही चाहते हैं कि आम आम आदमी के मसाइल हल हो सवाल दुनिया के सामने वो बंद जी जी हां यह अक्रमण और जिस अंदाज से हम देख रहे हैं कि लड़ाई इस कदर आगे चली गई है कि आप देख ले जलसे से आपको देख लें अब जलसे में आप देखें किसी बंदे ने मुल्क के मसाइल के बारे में बात की संजनी वाले जलसे में कि जी बेरोजगारी है महंगाई है इंफ्लेशन है गवर्नर्स के इशू है इंटरनल एक्सटर्नल मामलात है दहशतगर्दी है एक ही बात होती थी उन्होंने जबरदस्त तकरीरें की गवर्नमेंट के खिलाफ आगे से गवर्नमेंट ने भी वही जवाब दिए बजाय इसके कि वो रास्ता ढूंढने की कोशिश करें उन्होंने भी वैसे ही जवाब दिए कि जी क्या हुआ आप जो जैसी बात करेंगे वैसे ही आपको जवाब मिलेगा तो मेरा ख्याल है वो भी ना मुनासिब बात थी अयास सादिक साहब का मेरा ख्याल है रवैया बहुत अच्छा था अगरचे उसको भी क साइज किया गया आज उन्होंने गिला भी किया कि एक तरफ आप मुझे मुझे कहते हैं बड़ा अच्छा काम कर रहा हूं आप नए सेक्रेटरी जनरल जो है ना वो कहते हैं कि जी ये सारा कुछ मैंने ही करवाया और दूसरी तरफ आप देख ले आज या सारा कुछ होने के बाद पिशा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है असद कैसर ने और रोम यूब ने वहां उन्होंने कहा कि जी जो स्पीकर साहब कर रहे हैं हमें मंजूर नहीं है नाकाफी है उनके ये काम तो मेरा ख्याल है स्पेशल कमेटी का बन जाना और सारे मामले को प्रोप करना और उन्होंने सार टार को जिस तरह फारिग किया और कहा कि जी मैंने 2013 में भी यही काम किया था जो इस तरह की हरकत हुई थी मैंने लोग खुद एफआईआर कटवाई थी तो मेरा ख्याल है आज के वाक के बाद हमने ये तवको करनी चाहिए कि लोग मेरा ख्याल है वापस आएंगे और दूस बात आप फिर कगी देख अभी देखें अभी इस बात को छोड़ देते हैं कि जी गंडापुर ने क्या कहा क्या नहीं कहा उनकी तकरीर बड़ी आग लगाई उन्होंने कोई मजरत नहीं की उनके लोगों ने मजरत की आपने देखा कि इमरान खान साहब ने क्या काने कहा कि नहीं गप ने किया जो किया है जिन्होंने माफी मांगी है वो डरपोक और बुजदिल लोग हैं आप अपने लोगों को कंडेम कर रहे हैं तो देखें ना यह रवैया क्या है ये रवैया है कि अपने आप में तब्दीली लाने की जरूरत है और यह फरम जो आज बिलावल भुट्टो ने बातें की है यहां से सीखने अमल आ गया बैठ साहब की जाने मैं यही पॉइंट यहां से लेक जाऊंगी यहीं से डिस्कशन इफ्तेखार साहब ये एक कटिक एनवायरमेंट में ये बिलावल साहब की जो तकरीर थी वो बड़ी सिचुएशन को काम करने के लिए तो बहुत अच्छी तकरीर थी लेकिन क्या पीपल्स पार्टी अमली तौर पर कोई दार निभा सकती है इस सारी सिचुएशन को रिजॉल्व करने के लिए या डिसोल्व करने के लिए अभी और वो क्या हो सकता है बेसिकली देखिए बिल्कुल आपने बड़ा दुरुस्त कहा कि एकेडमिकली देखा जाए तो बड़ी ही जबरदस्त उन्होंने स्पीच की और जिसको तेशाम साहब भी अप्रिशिएट कर रहे हैं क्योंकि उसके अंदर बड़ी पॉजिटिविटी हमें देखने को मिल रही है लेकिन क्या वाकई नियत ऐसी भी है और वो स्पेस भी अवेलेबल है इस वक्त पार्लिन में बैठी जमां को कि वो इस पार्लिन को इंपार कर सके इससे पहले भी हमने देखा है कि यह सियासी जमात माजी में एक दूसरे को बुनियादी तौर पे तख्त मशक बनाने के बाद आपको याद है कि लंदन में मिसा के जम्हूरियत भी हुआ था लेकिन आज फिर 90 की दिहा में सारी ये जमात खड़ी हैं गोया कि एक दूसरे के ऊपर इल्जाम तराश भी है एक दूसरे की टांगे खींचना भी है एक हाइब्रिड तरीके से रेजीम को चेंज करना एस्टेब्लिश करना वो सब कुछ चल रहा है यह हकीकत हैं तो मेरे ख्याल में यह गुफ्तगू ब बड़ी अच्छी है लेकिन पहले तो मैं यह जांचना चाहूंगा इस मुल्क की जो बड़ी जमात उनके जो बड़े-बड़े सियासी आका बरीन है इस पार्लिन को जिसको अंपर करना चाहते हैं बाख दियार बनाना चाहते हैं इस पार्लिन में उनके डेंस का लेवल क्या है 5 पर है 10 पर है या 100% है वो खुद इस पार्लिन में आना पसंद नहीं करते यह तो जब कोई क्राइसिस डेवलप होते हैं तो एक बड़ी धुआधार किस्म की जोशीली तकरीर करने के लिए तो आ जाते हैं बट इस पार्लिन में बैठ के कानून साजी के अमल में शरीक होना हो या इस पार्लिन से उन गैर जम्हूर ताकतों को एक स्ट्रांग मैसेज देना हो उसके हवाले से तो मुझे कोई इनका किरदार कोई ज्यादा बेहतर नजर नहीं आहा इयर मिनिस्टर कहां है ऐसे मौके पे वो आते नहीं है बकुल मैं मैं उसी तरफ ही आ रहा हूं सर इस वक्त अमन आमान और बिल्कुल ये जो सिचुएशन बनी है परसों पार्लिन के अंदर गोया कि यहां पर तो आके मुल्क के वजीरे दाखिला को आके वजाहत देनी चाहिए थी आईजी इस्लामाबाद को बुलाकर स्पीकर पूछ रहे उनके पास भी कोई जवाब नहीं है तो मेरा ख्याल में य देख ले कि डिप्टी सुपरडेंट अयाला जेल जो 14 अगस्त से लापता हैं आज तक रावलपिंडी पुलिस े बता नहीं सकती वो शख्स कहां गया है तो मेरा ख्याल में इस वक्त तो लग रहा है कि इस मुल्क के अंदर एक पार्लिन है मुंतखाब हुकूमत है लेकिन ना तो मुल्क के प्राइम मिनिस्टर को पता है ना मुल्क के सदर को पता है कि यहां पर क्या हो रहा है तो तकरीरें करने में तो कोई मजाका नहीं आप जरूर करें और इस तरह की कमेटी भी जरूर जरूर बनाए लेकिन माजी में भी हमने देखा है कि पार्लिन की जो अथॉरिटी है व कंप्रोमाइज हुई और इस वक्त भी लग रहा है ये कोई इतनी उलझी हुई गुथी नहीं है जिसको सुलझाने में इतना वक्त दरकार है आपको दो दिन का वक्त गुजर गया है आपने साज आम को और कुछ जनरेटर ऑपरेटर्स को और सीडीए के मुलाज मन को मातल कर दिया है जी आपको नहीं मालूम कि यहां पर कौन आए थे बाहर की सिक्योरिटी तो पुलिस के पास है गोया कि वहां पे कौन आया फिर खुद अपनी पार्लिन की अपनी सिक्योरिटी है लोग अंदर कौन दाखिल हुए तो मेरे ख्याल में यह जांचने में कुछ ज्यादा वक्त दरकार नहीं होना चाहिए था लेकिन बहरहाल क्या कहे कि इस वक्त दोनों तरफ से गुफ्तगू तो बड़ी अच्छी हुई है लेकिन बतौर जर्नलिस्ट मैं समझता हूं कि हमने भी 30 32 बर्ष देखे हैं इस पार्लिन को फंक्शन होते हुए यहां पर कोई वोह एक कमिटमेंट नजर नहीं आ रही कि जिसके नतीजे में इस मुल्क की पार्लिन को इस मुल्क के चीफ एजेक्ट को और मुंतखाब नुमाइंदों को इंपार किया जाए कि वो हर मामले के ऊपर सिचुएशन को लीड करें सही है ब मुझे नहीं ल रहा जदा ब में आ ब शाह साहब जिस पॉइंट पर हम पहुंच चुके हैं यहां पर अब अपोजिशन और जो हम देख रहे हैं हमारी जो हुकूम जमात दोनों को बैठ के सोचना होगा य जो सजेशन दी गई है स्पीकर साहब की जानिब से चार्ट ऑफ पार्लियामेंट की यह सजेशन जो आई है इसको अडॉप्ट करना होगा क्योंकि इसके बाद तो फिर आपको लग रहा है मामलात बढ़ेंगे कैसे आगे जिस नहज प हम पहुच चुके हैं देखिए हकीकत यह है कि पहली बात तो यह कि इस कलमे के नीचे बैठ के जो लोग फार्म 45 के जरिए उठाते हैं और कसम उठाते हैं क्या वाकई वो अपना काम कर रहे हैं और जो झूठ की बुनियाद पर इलेक्शन लड़ के आएंगे जीत के आए इस इंजीनियर इलेक्शन में आप उनसे क्या एक्सपेक्ट कर सकते हैं देखिए ये एक ऑब्जेक्टिव ओपिनियन हमारी बड़ी खुल के होनी चाहिए कि स्पीकर रया सादिक कल कहां थे क्या उनकी मर्जी के बगैर ये सब कुछ हुआ है और किसने किया है इत साहब ने तो मेरा ख्याल में इनडायरेक्टली लेकिन जिसने कि है सारी दुनिया को पता है और जिस तर आज लोग राजदारी जमानत रहते रहे तो क्या कौन सी पार्लिन की आप बात करते हैं बिलावल भुट्टो साहब ने बड़ी अच्छी तकरीर की मिलजुल के काम करें तो मेरे ख्याल में पाकिस्तान के अंदर अगर आप समझते हैं आवाम की बेहतरी होगी तो आप तमाम सियासी जमां को जब अपोजिशन में रखते हैं ना तो उनके यहां आवाम का दर्द होता है उनके दिलों में आवाम का दर्द होता है बाकी तो ये सब मिल बैठ के खाते हैं दूसरी बात यह कि कौन सी ऐसी सियासी जमात है जो समझती है कि वो जो है वो इक्दर्म के वोटों से इलेक्शन जीत के आते हैं मेरे ख्याल में अब तो बार-बार हम कहते हैं कि जनाब जितने इलेक्शन हुए 77 के बाद से सारे इंजीनियर थे सारे जो है वो रिक्ट थे सारे कंप्रोमाइज थे कोई आरओ इलेक्शन था कोई जो है वो अ डीसीओ इलेक्शन था 2018 वाला भी इंजीनियर था अभी वाला भी ऐसा ही है देखिए ओवरऑल देखा जाए आप की जो सियासी निजाम है सियासी निजाम के अंदर एक अशराफुल है और बाकायदा वो उसके अंदर इन्वेस्टमेंट करने के बाद आपके सेनेट और अ कौमी असेंबली के अंदर बैठते हैं और वही 10 से 12 15 फीसद लोगों के मफा दत का तहस करते हैं हम यह बात क्यों नहीं मानते सारी जिंदगी हम ये बार-बार जो है व कहते हैं ना हशिंग अंडर द कारपेट वाली बात है चुप करके बैठ के देख रहे हैं मेरे ख्याल में जो 80 फ लोग हैं उनके मसाइल इन 20 फी लोगों की प्रायोरिटी नहीं है चाहे वो अदलिया के लोग हैं चाहे वो एस्टेब्लिशमेंट के लोग हैं चाहे वो आपके ब्यूरोक्रेसी के लोग हैं वो सिर्फ और सिर्फ ये 1015 फीसद जो अशराफुल भुट्टो साहब ने बड़ी अच्छी तकरीर की और स्पीकर साहब का मशरा भी बड़ा अच्छा है कि हम सारी चीजें जो है अपने जो है वो बीच में बैठ के बांट के खाते रहे और एंजॉय करते रहे लेकिन एक जो ट्रबल इनको आ रही है वो यह है वो तीसरी पार्टी इससे पहले भी देखिए चार्टर ऑफ लोग कह रहे हैं कि जी गाली गलोज की सियासत तो क्या इससे पहले जो मियां नवाज शरीफ साहब और बेनजीर भुट्टो साहिब के खिलाफ करते रहे वो कौन सी सियासत थी वो तो आपने देखा कि जहाजों से लोगों की तस्वीरें जो है उनको फेंका गया क्या वो बड़ी ज्यादा इज्जतदार सियासत थी आज तो दूसरा दूसरा समझता तीसरी कुवत है जो कि कैदी कर रहे है मेरे खल में वो किसी लिहाज से इनके साथ बातचीत करने के लिए तैयार नहीं और आज आपने देखा कि अब पिशा के अंदर हम कह रहेम साब कह रहे उनका रवैया देखें देखि रवैया य कि आप किसी के खिलाफ गैर कानूनी काम करेंगे आप पामेंट से लोगों को उठाएंगे आप उनके इलेक्टेड मेंबर्स को मारेंगे पीट आठ न का आपने फिजिकल रिमांड ले दिया और सात दिन में कितनी मार खाएंगे वो अंदाज है मेरे ख्याल में आज जो मैसेज बड़ा वाज देखि हमने जो बड़ा क्लियर मैसेज यहां से दीजिए तो मेरे ल कह रहे हम किसी से बातचीत नहीं करते तो अब क्या होगा क्या जुमे को एक मुलक गीर हड़ताल होगी जो है वो 18 सितंबर को मीनार पाकिस्तान में जल उस भी पोरा की तरफ फि जो मुल्क के मसाइल है बारबार कहते आप उस बात आई गट योर पॉइंट मैं जुल्फिकार साहब की जानिब चलती हूं जकार साहब आपका इस टेक सारी सिचुएशन प देखि मैं तोय समझता हूं कि बाकी तमाम जो बद दोस्तों ने बातें की है जाहिर शाह शिराजी बात कर रहे थे ठीक हैय अपनी जगह यह मसाइल है क्या करें पार्लिमेंट को ताला लगा दे क्या तमाम चीजें वाइंड अप कर दे भाई इसी मुल्क में हम रहते हैं इसी आज के तमाम निजाम में चीजों को 2018 में भी थे ना 2018 में भी जो कुछ था जो बरसर एक केदार पार्टी थी उसकी तरफ से जो कुछ होता रहा उस वक्त भी हमारे जैसे लोग यही कहते रहे भाई अभी इनको छोड़ो आप चीजों को आगे बढ़ाए और मेरे ख्याल में पार्लिमेंट की सुपर मेसी की जो बात हो रही है उसको चीजों को आगे बढ़ाए और आज भी यह बिल्कुल कतन वो नहीं है के तकरीर जिस तरह होती है और जो बात बिलावल ने की है बहुत मैच्योर बात है के सबको मिलकर काम करना पड़ेगा एक दफा आए तो मैं वो जो कुछ करते रहे वो विक्टिमाइज उनको करते रहे आप कोई रास्ता निकालते रहे बहुत अच्छा स्टेप लिया आज जो पीटीआई का वफ था और उसका जो उनके पास बैठे अया सादिक साहब के पास बैठे बहुत अच्छा जेस्चर जाता है लेकिन दूसरी तरफ जी आग लगाने वाले पिवर में बैठ के करते हैं तो यह भी बहुत ही ठीक नहीं है आप चीजों को आगे लेकर चले मौका आप से जाने ना दे ये पा साल वरना फिर इसी तरह आप इस्तेमाल करेंगे अब यह बात तो वाकई एक है कि अगर कोई तकरीर गलत कर देता है बड़ा पन क्या है बड़ा पन यह है कि पार्टी का सरब कहता है कि मैं मजरत चाह ठीक है सर आपसे करेंगे आप हवाले से आ गया तमाम पैनलिस्ट का मैं शुक्रिया अदा करूंगी प्रोग्राम का वक्त खत्म हुआ जाता है आपसे मुलाकात होगी कल अल्ला हाफिज [संगीत] सब्सक्राइब करें और बेल दबाए ताकि कोई खबर रह ना जाए

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